छत्तीसगढ़ के तीसरे मुख्यमंत्री बने भूपेश बघेल, शपथ ग्रहण में दिखी विपक्षी एकता


Bhupesh Baghel, Congress

 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के तीसरे मुख्यमंत्री बन गए हैं. उन्होंने रायपुर के बलबीर जुनेजा इंडोर स्टेडियम में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलवाई. इसके साथ ही ताम्रध्वज साहू और टीएस सिंहदेव ने भी मंत्री पद की शपथ ली है.

सिंह देव विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं. वह अंबिकापुर से विधायक हैं. वहीं ताम्रध्वज साहू पिछड़ा वर्ग के वरिष्ठ नेता हैं और दुर्ग ग्रामीण सीट से विधायक हैं. साहू दुर्ग लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद भी हैं. भूपेश बघेल पाटन विधानसभा से चुनाव जीता है.

भूपेश बघेल कांग्रेस के एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने छत्तीसगढ़ में पार्टी को मजबूत बनाने का काम किया. कांग्रेस ने पिछले 15 वर्षों से सत्तारूढ़ रही भाजपा को सत्ता से हटाया है. कांग्रेस को 68 सीटों पर जीत दिलाने में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल की बड़ी भूमिका रही है.

शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायण सामी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, वरिष्ठ नेता शरद यादव, नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा, छत्तीसगढ़ के निवर्तमान मुख्यमंत्री रमन सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, कांग्रेस के विधायक, राज्य के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे.

57 वर्षीय भूपेश बघेल अन्य पिछड़ा वर्ग के कुर्मी समाज से आते हैं जो राज्य की राजनीति में काफी दखल रखता है.

बघेल को साल 2013 में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था.

राज्य में भूपेश बघेल की छवि तेज तर्रार नेता की है. बघेल ने नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंह देव के साथ मिलकर लगातार हार से निराश संगठन में फिर से नई जान फूंकी.

बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 में दुर्ग जिले के एक किसान परिवार में हुआ था. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 80 के दशक में की थी. वह लगातार कांग्रेस के कार्यक्रमों और आंदोलनों में शामिल होते रहे. बघेल के कार्यों को देखकर पार्टी ने साल 1993 में उन्हें टिकट दिया और वह पाटन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत गए.

बाद में वह साल 1998 और साल 2003 में भी क्षेत्र से विधायक रहे. साल 2008 में वह चुनाव हार गए थे. इस चुनाव में बीजेपी के विजय बघेल ने उन्हें हराया था. हार के बाद बघेल को साल 2009 में रायपुर लोकसभा सीट से पार्टी ने उम्मीदवार बनाया लेकिन वह रमेश बैस से चुनाव हार गए. बघेल पर पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया और साल 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें जीत मिली.


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