ट्विटर सेंसरशिप नियमों में अस्पष्टता से यूजर्स में नाराजगी


biased twitter censorship creating wrath among users

 

ट्विटर यूजर के एकाउंट और कांटेंट पर बीते पांच वर्षों में निगरानी बढ़ी है. एक ओर सरकार की ओर से कांटेंट हटाने की मांग में बढ़ोतरी हुई है वहीं दूसरी ओर भारत कांटेंट हटाने की मांग की सूची में चौथे स्थान पर आ गया है.

द हिंदू की खबर के मुताबिक कांटेंट या एकाउंट हटाने के नोटिस और शैडो बैन जैसे कदमों से यूजर में नाराजगी बढ़ी है.

जून से दिसंबर 2018 के बीच भारत सरकार, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अन्य ने कांटेंट हटाने के लिए 657 कानूनी मांगे की. इसके अलावा इस संबंध में 10 कोर्ट ऑर्डर भी जारी किए गए.

इसमें से 2,228 एकाउंट के खिलाफ शिकायत आई, जिसके बाद 95 अकाउंट और 114 ट्वीट को रोक दिया गया.

खबर के मुताबिक बीते पांच वर्षों में ट्विटर से कांटेंट हटाने की मांग में 100 गुना बढ़ोतरी हुई है.

ट्विटर रिकॉर्ड के मुताबिक भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से केवल आईटी एक्ट, 2000 की धारा 69 (ए) का हवाला देते हुए कांटेंट हटाने की मांग की गई.

ट्विटर को इस तरह की मांग मिलने पर वो यूजर को एक ईमेल नोटिस भेजता है. हालांकि ट्विटर का कहना है कि ऐसा करने से मना किए जाने पर वो नोटिस नहीं भेजता है.

अगस्त में ऐसे ही एक ट्विटर यूजर मोहम्मद आसिफ खान को कानूनी नोटिस भेजा गया. हालांकि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं दी कि किन अधिकारियों या विभाग की मांग पर ऐसा किया गया और किस कानून का उनके ट्वीट से हनन हुआ है.

खान ने कश्मीर में हालात पर एक डाक्यूमेंट्री बनाकर ट्विटर पर डाली थी, जिसके खिलाफ कार्रवाई की गई. ट्विटर ने यूजर खान को बताया कि उन्होंने मांग पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की है लेकिन पारदर्शिता को ध्यान में रखते हुए वो ये सूचित कर रहे हैं.

अगर कोई कार्रवाई की जाती तो तीसरे व्यक्ति लुमेन डेटाबेस को इसके जानकारी दी जाएगी (अगर ऐसा करने से रोका नहीं गया है तो).

खान ने बताया कि “मुझे पहले भी कई कानूनी नोटिस मिले हैं. मुझे बिना कोई वजह बताए ट्विटर ने कुछ समय के लिए ब्लॉक और शैडो बैन भी किया है.” जब ट्विटर यूजर के कांटेंट या एकाउंट को आंशिक रूप से बैन करता है और यूजर को इसके बारे में सीधे तौर पर पता नहीं चलता है तो उस स्थिति को शैडो बैन कहते हैं.

दिसंबर 2018 में डेविड के (डेविड के संयुक्त राष्ट्र संघ के विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा और प्रोत्साहन के विशेष प्रतिवेदक हैं) ने ट्विटर सीईओ जैक डोर्सी को पत्र लिखकर चिंता जाहिर की कि “सरकार की मांग पर कश्मीर पर आधारिक कांटेंट को ट्विटर से हटा दिया जाता है, जिसकी वजह से लोगों सहित कश्मीरी पत्रकार और कार्यकर्ता प्रभावित हुए हैं.”

बीते हफ्ते ट्विटर ने हर्ष मंदर के सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ाने वाले संगठन कारवां-ए-मोहब्बत के ट्विटर हैंडल को एक दिन के लिए रद्द कर दिया था. अपील करने पर ट्विटर की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई लेकिन उसने भविष्य में नियमों के उल्लंघन पर परमानेंट सस्पेंशन की धमकी जरूर दी.

ट्विटर के पास कांटेंट या एकाउंट हटाने कि लिए सरकार द्वारा की गई मांग का ब्यौरा उपलब्ध होता है हालांकि कितने कांटेंट हटाए गए या शैडो बैन किए गए इसका ब्यौरा उपलब्ध नहीं है.

अंग्रेजी अखबार द हिंदू लिखता है कि सभी तरह की राजनीतिक मान्यताएं रखने वाले लोगों को नोटिस बैन किया जाता है लेकिन दक्षिणपंथी लोगों को कांटेंट हटाने के लिए नोटिस नहीं मिलता है.


Big News