नीतीश कुमार ने की जातिगत जनगणना की वकालत


Bihar CM Nitish Kumar demands caste based census

 

लोकसभा चुनाव करीब हैं. ऐसे में भारतीय राजनीति में आरक्षण एक ऐसे मुद्दा रहा है जो हर बार चुनाव आते ही जोर पकड़ लेता है. राजनेता आरक्षण की राजनीति करते पीछे नहीं छूटते.

सामान्य वर्ग को आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर 10 फीसदी आरक्षण देकर बीजेपी अपना कार्ड खेल चुकी है. इसके अलावा समाजवादी पार्टी की तरफ से कहा गया कि ओबीसी आरक्षण पर विचार करने की जरूरत है. अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि देश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति और पिछड़े समाज की जनसंख्या बढ़ी है लेकिन आरक्षण की सीमा अभी भी 50 फीसदी है.

नीतीश ने कहा, “इस संबंध में सरकारों के पास जो आंकड़े हैं वो 1931 की जनगणना पर आधारित हैं. ऐसे में जाति आधारित जनगणना बेहतर रास्ता है, इसे जल्द से जल्द अमल में लाने की जरूरत है ताकि हमारे पास एक साफ तस्वीर मौजूद हो.”

उन्होंने कहा, “अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति और पिछड़े समाज की जनसंख्या देश में बढ़ी है. लेकिन इन पिछड़ी जातियों को दिए जाने वाले आरक्षण की सीमा आज भी 50 प्रतिशत ही है.”

इसके अलावा उन्होंने कहा, “इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार में कर्पूरी ठाकुर ने पिछड़े समाज को पिछड़ा और अति पिछड़े में बांटा. हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर कदम उठाए.”


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