बीजेपी प्रशासित राज्य के मुखिया ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ खोला मोर्चा


BJP-ruled state chief minister against citizenship amendment bill

 

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि केंद्र अगर एक बार फिर नागरिकता संशोधन विधेयक लेकर आता है तो वह पूर्वोत्तर राज्यों के अपने सभी समकक्षों के साथ संयुक्त रूप से विरोध प्रदर्शन करेंगे.

राज्य में बीजेपी की सरकार का नेतृत्व करने वाले खांडू ने विधानसभा को बताया कि पूर्व में भी उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया था कि इस जनजातीय राज्य को विधेयक के दायरे से अलग रखें.

इस विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं, जैनों, ईसाइयों, सिखों, बौद्ध और पारसियों को सात साल के बाद भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. मौजूदा समय में कोई दस्तावेज न रखने पर उन्हें 12 साल बाद भारत की नागरिकता मिलती है.

कांग्रेस विधायक निनोंग एरिंग ने सवाल पूछा था कि अगर बिल थोपा जाता है तो स्थानिय लोगों के हितों की रक्षा के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे, इस पर खांडू ने कहा कि राज्य केंद्र से अनुरोध करेगा कि इस विधेयक को थोपा न जाए क्योंकि इसके गंभीर असर होंगे.

खांडू ने कहा, “लोकसभा ने आठ जनवरी को यह विधेयक पारित किया था लेकिन इसे राज्यसभा में नहीं रखा गया है. मैं मणिपुर के मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली गया था और तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह को विधेयक के संभावित प्रभाव के बारे में बताया था. (हमनें उन्हें बताया था कि) यह पूर्वोत्तर के स्थानीय लोगों के अधिकारों को कमजोर कर सकता है.”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक जुलाई को राज्य सभा को सूचित किया था कि पड़ोसी देशों से भारत आने वाले हिंदुओं को भारतीय नागरिकता देने के लिये एक नागरिकता विधेयक लाया जाएगा.


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