अदालत ने दिया आकाश विजयवर्गीय को जमानत पर रिहा करने का आदेश
इंदौर में निगम अफसर की क्रिकेट बैट से पिटाई करने के मामले में बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय को जमानत मिल गई है. भोपाल की एक विशेष अदालत ने कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.
इसके अलावा अदालत ने उन्हें एक अन्य मामले में भी जमानत दे दी है. दोनों मामलों में उन्हें में 20-20 हजार रूपये के मुचलके पर जमानत मिली है.
विधायक विजयवर्गीय के वकील पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि भोपाल की विशेष अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुरेश सिंह ने आकाश विजयवर्गीय की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद दोनों मामलों में उन्हें 20-20 हजार रूपये के मुचलके पर जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं.
इससे पहले इन्दौर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने आकाश विजयवर्गीय की जमानत याचिका 27 जून को खारिज कर दी थी और उन्हें सलाह दी थी कि इसके लिए वह प्रदेश के सांसदों और विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिये निर्धारित की गई भोपाल की विशेष अदालत में अपील करें.
इसके अगले ही दिन 28 जून को आकाश के वकीलों ने उनकी जमानत के लिये भोपाल की विशेष अदालत का रुख किया. उच्चतम न्यायालय के आदेश पर विभिन्न प्रदशों में सांसदों और विधायकों के मामलों पर त्वरित सुनवाई के लिये विशेष अदालतों का गठन किया गया है.
भार्गव ने कहा कि उन्होंने विशेष अदालत में अपने मुवक्किल के लिये जमानत की अपील की है क्योंकि वह निर्दोष है. उन्होंने बताया कि याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने उनकी छवि खराब करने के लिए आकाश को झूठा फंसाया है और उनका अपराधों से कोई लेना-देना नहीं है.
दरअसल 26 जून को जर्जर मकान ढहाने गई इंदौर नगर निगम की टीम के साथ विवाद के दौरान बीजेपी के स्थानीय विधायक आकाश विजयवर्गीय ने शहरी निकाय के एक अफसर को क्रिकेट बैट से पीट दिया था.
इसके बाद पुलिस ने बीजेपी विधायक और दस अन्य लोगों पर गंभीर कानूनी प्रावधानों के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया था.
विजयवर्गीय और 10 अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 353 (लोक सेवक को भयभीत कर उसे उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिये उस पर हमला), 294 (गाली-गलौज), 323 (मारपीट), 506 (धमकाना), 147 (बलवा) और 148 (घातक हथियारों से लैस होकर बलवा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.