भारतीय सिनेमा का वो कलाकार जो अपने किरदारों में ‘प्राण’ फूंक दिया करता था
हिन्दी सिनेमा के दिग्गज कलाकार प्राण ने 13 जुलाई 2013 के दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. आज देश उनकी पुण्यतिथि मना रहा है. वे अपने बेमिसाल अभिनय के लिए काफी मशहूर हुए. प्राण का पूरा नाम प्राण कृष्ण सिकंद था और उनका जन्म 12 फरवरी, 1920 को पुरानी दिल्ली के बल्लीमारान इलाके में रहने वाले एक परिवार में हुआ था.
प्राण बचपन से ही फोटोग्राफर बनना चाहते थे. लेकिन किस्मत में अभिनेता बनना ही था. इन्हें फिल्मों में मशूहर लेखक वली मोहम्मद लेकर आए थे. प्राण के करियर की शुरुआत साल 1940 में पंजाबी फिल्म ‘यमला जट’ से हुई.
फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई. इसके बाद प्राण ने कई और पंजाबी फिल्मों में काम किया. प्राण देश के बंटवारे के समय लाहौर छोड़ कर मुंबई आ गए थे.
प्राण को मुबंई आकर फिल्मों में काम नहीं मिल रहा था. फिर मशूहर लेखक सआदत हसन मंटो की मदद से उन्हें बॉम्बे टॉकीज की फिल्म ‘जिद्दी’ मिली. जिसके बाद प्राण को एक के बाद फिल्में मिलती गईं.
इन फिल्मों में प्राण खलनायक के ही किरदार में होते थे. फिल्म उपकार में अपने अभिनय से उन्होंने ये साबित कर दिया कि वे सिर्फ खलनायक के किरदार के लिए नहीं बने हैं. ऐसा शहीद, उपकार, डॉन, दुनिया, जॉनी मेरा नाम और जंजीर जैसी कई फिल्मों से उन्होंने साबित कर दिया. इन फिल्मों से उन्हें अभिनेता के तौर पर एक अलग पहचान मिली.
प्राण बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. उन्होंने ना सिर्फ फिल्मों में अभिनय किया बल्कि कुछ फिल्मों के लिए तो उन्होंने प्लेबैक सिंगिग भी की.
साल 2001 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया. इसके अलावा साल 2013 में उन्हें फिल्म जगत के सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया.