54 हजार बीएसएनएल कर्मियों की नौकरियों पर खतरा


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आर्थिक संकट से गुजर रही सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के करीब 54 हजार कर्मचारियों की नौकरी खतरे में आ गई है. जानकारी के मुताबिक कंपनी लोकसभा चुनाव के बाद ही इस पर आखिरी फैसला करेगी.

अंग्रेजी अखबार डेकन हेराल्ड की खबर के मुताबिक सरकार की ओर से गठित एक बोर्ड के 10 में से तीन सुझावों को कंपनी ने स्वीकार कर लिया है. टेलीकॉम डिपार्टमेंट (डीओटी) नहीं चाहता कि चुनाव से पहले कर्मचारियों की छंटनी हो, ऐसे में संभावनाएं है कि इस पर आखिरी फैसला चुनावों के बाद ही लिया जाएगा.

कंपनी ने बोर्ड के सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने संबंधी सुझाव को स्वीकार कर लिया है. इसके तहत कर्मियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 से घटाकर 58 की जा सकती है. इसके अलावा बोर्ड ने बीएसएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम के आवंटन में तेजी लाने का सुझाव दिया है.

जानकारी के मुताबिक अगर सेवानिवृत्ति की आयु और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) पर किए गए फैसले से 31 फीसदी कर्मी यानी करीब 54,451 कर्मियों की छंटनी हो सकती है. मौजूदा समय में बीएसएनएल में 1,74,312 कर्मचारी हैं.

आंकड़ों के मुताबिक बीएसएनएन कर्मियों की औसत आयु 55 साल है.

केवल सेवानिवृत्ति की आयु कम करने से ही 33,568 कर्मियों की संख्या कम होने की संभावना है. अनुमान लगाया गया है कि ऐसा करने से कंपनी अगले छह साल में वेज बिल में 13,895 करोड़ रुपये की बचत कर पाएगी.

देश में जियो के आने के बाद से ही बीएसएनएल आर्थिक संकटों का सामना कर रही है. मुकेश अंबानी की कंपनी जियो की ओर से ग्राहकों को दिए गए ऑफर के बाद साल 2017-18 में कंपनी की कमाई 20 फीसदी तक कम हो गई थी. साल 2016-17 में बीएसएनएल की कुल कमाई 31,533 करोड़ रुपये थी, जो साल 2017-18 में घटकर 25,071 करोड़ हो गई.

फिलहाल, दूरसंचार विभाग ने ट्राई से एमटीएनएल और बीएसएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर जवाब मांगा है. अब इस संबंध में ट्राई के जवाब के बाद ही दोनों कंपनियों का भविष्य निर्धारित होगा.


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