पूर्व आईसीआईसीआई प्रमुख चंदा कोचर पर एफआईआर दर्ज
सीबीआई ने 3,250 करोड़ रुपये के आईसीआईसीआई बैंक- वीडियोकॉन कर्ज मामले में अनियमितताओं के आरोप में पूर्व आईसीआईसीआई प्रमुख चंदा कोचर पर एफआईआर दर्ज किया है. एफआईआर में चंदा कोचर के अलावा उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन प्रमोटर वेणुगोपाल के नाम भी शामिल हैं.
इसके साथ ही सीबीआई ने वीडियोकॉन के मुंबई स्थित मुख्यालय और औरंगाबाद कार्यालय पर छापा भी मारा है.
अधिकारियों ने बताया कि छापे मारने का काम 24 जनवरी की सुबह शुरू किया गया. इस दौरान आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर और सुप्रीम एनर्जी पर भी छापे मारे गए.
ऐसा आरोप है कि 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन समूह को 3250 करोड़ रुपये का कर्ज मिला था. इसके कुछ महीनों बाद ही वीडियोकॉन प्रमोटर वेणुगोपाल धूत ने न्यूपावर में करोड़ों रुपये निवेश किया था.
2008 में वीडियोकॉन के मालिक वेणुगोपाल धूत और चंदा कोचर के पति दीपक कोचर ने एक कंपनी बनाई थी. इसके बाद इस कंपनी को वेणुगोपाल धूत ने अपनी कंपनी की तरफ से 64 करोड़ का कर्ज दिया था. बाद में इस कंपनी का मालिकाना हक एक ट्रस्ट को सौंप दिया गया जिसका मालिकाना हक दीपक कोचर के हाथों में था.
वेणुगोपाल धूत ने यह सब वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से 3,250 करोड़ रुपये मिलने के बाद किया था. वीडियोकॉन ने इस कर्ज का 86 फीसदी(2810) रुपया जमा नहीं किया है. 2017 में वीडियोकॉन के अकाउंट को बैंक ने एनपीए घोषित कर दिया था.
वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से कर्ज मिलने के वक्त चंदा कोचर बैंक की चेयरमैन थी.
अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने धूत, दीपक कोचर और अज्ञात अन्य के खिलाफ मार्च 2018 में एक प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी.
सीबीआई प्राथमिकी दर्ज करने से पहले पीई दर्ज करती है. ताकि वह सबूत इकठ्ठा कर सके. एजेंसी ने इस पीई को एफआईआर में बदल दिया है.
उन्होंने कहा कि अभी आरोपियों के नाम और एफआईआर से जुड़ी विस्तृत जानकारी का इंतजार किया जा रहा है.