ईवीएम के साथ छेड़खानी संभव ही नहीं : सुनील अरोड़ा


cec of india sunil arora says its not possible to tamper evm

 

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने राजनीतिक दलों की ओर से ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाने पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि चुनाव का ये सबसे भरोसेमंद तरीका है क्योंकि मशीन गलत रखरखाव की शिकार तो हो सकती है, लेकिन इसमें छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है.

हाल ही में सीईसी का पद संभालने वाले अरोड़ा ने ईवीएम पर राजनीतिक दलों के आरोपों के दायरे में अब चुनाव आयोग के भी आने के मुद्दे पर कहा ‘‘चुनाव में मतदाताओं के बाद राजनीतिक दल ही मुख्य पक्षकार होते हैं. उन्हें अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है. लेकिन इस बात से मुझे निराशा होती है कि हमने ईवीएम को ‘फुटबॉल’ बना दिया.’’

किसी दल विशेष के पक्ष में चुनाव परिणाम नहीं आने पर इसका ठीकरा ईवीएम पर फोड़ देने के बारे में अरोड़ा ने दलील दी कि 2014 के लोकसभा चुनाव के परिणाम, इसके बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम एक दूसरे से बिल्कुल अलग थे. इसके बाद भी हिमाचल प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, त्रिपुरा और अब पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और तमाम उपचुनाव के परिणाम बिल्कुल अलग रहे.

अरोड़ा ने कहा कि ‘‘ईवीएम महज एक मशीन है जो आंकड़े दर्ज कर उनकी गिनती करती है. मशीन में खास प्रोग्रामिंग कर अपनी मर्जी के परिणाम हासिल करने की संभावना को मैं पूरी तरह से नकार सकता हूं.’’

पांच राज्यों के चुनाव में ईवीएम के मतदान केंद्रों की जगह दूसरे स्थानों से मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मशीन से छेड़छाड़ करना और इसका गलत रखरखाव करना दो अलग मुद्दे हैं. अरोड़ा कहते हैं कि “जो शिकायतें इन चुनावों के दौरान मिलीं, वे कर्मचारियों की ओर से की गई लापरवाही और गलत रखरखाव की हैं. ये एक अलग मसला है. इस तरह के चार-पांच मामले सामने आए हैं. हम कोशिश कर रहे हैं कि इस तरह की घटनाओं को रोका जाए.”

राजनीतिक दलों की मतपत्र की तरफ वापस लौटने की मांग के सवाल पर उन्होंने कहा ‘‘मतपत्र की ओर वापस लौटने का सवाल ही नहीं है. चुनाव आयोग का इस पर बिल्कुल साफ रुख है. इस विषय पर कई बार विचार विमर्श करने के बाद आयोग ने ये फैसला लिया है.’’


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