यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना घटाने पर केंद्र और गुजरात आमने-सामने


center gears up for tussle with gujarat over traffic penalties

 

गुजरात द्वारा यातायात नियमों के उल्लंघन पर बढ़ाए गए जुर्माने में भारी कटौती पर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने आ गई है. इस पर सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय ने कानून मंत्रालय से कानूनी राय मांगी है कि क्या राज्य सरकारें कानून में जुर्माने की निर्धारित सीमा को कम कर सकती हैं.

गुजरात और उत्तराखंड की बीजेपी सरकारों ने जुर्माने की राशि घटाने की पहले ही घोषणा कर दी है, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार जुर्माना घटाने पर विचार कर रही है. मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे विपक्षी दल शासित राज्यों ने भी नया कानून लागू करने से इनकार किया है.

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने मंगलवार को यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने में कानून में निर्धारित सीमा से अधिक कटौती की. राज्य में यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना राशि को 1,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक कम किया गया है. संशोधित मोटर वाहन कानून के तहत बढ़ा हुआ जुर्माना सितंबर से प्रभाव में आया है.

वहीं इससे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बीजेपी शासित राज्य गुजरात द्वारा यातायात नियमों के उल्लंघन पर बढ़ाए गए जुर्माने में भारी कटौती करने को ज्यादा तूल नहीं देते हुए कहा कि यह मामला समवर्ती सूची का है और इसमें राज्य अपने फैसले लेने को स्वतंत्र हैं.

कानूनी दायरे में देखा जाए तो संविधान के अनुच्छेद 254 समवर्ती सूची में आने वाले विषयों पर कहता है कि यदि प्रस्तावित कानून पर केंद्र और राज्य में मतभेद हैं तो केंद्र की ओर से बनाया गया कानून मान्य होगा.

सेव लाइफ फाउंडेशन के पीयूष तिवारी ने केंद्र और राज्य सरकार के बीच इस मतभेद पर कहा कि ‘संशोधित मोटर वाहन कानून की धारा 200 में राज्य को 24 विषयों पर जुर्माना निर्धारत करने का अधिकार दिया गया है और फिलहाल राज्य इन्हीं में बदलाव कर जुर्माने की राशि को ज्यादा व्यवहारिक बनाने की कोशिश कर रहे हैं. पर गुजरात गैर-कंपाउंडेबल अपराध में दखल देकर संविधान के अनुच्छेद 254 का उल्लंघन कर रहा है. गुजरात की ओर से किए गए सभी बदलावों को कोर्ट मंजूरी नहीं देगा.’

तिवारी ने कहा, ‘गुजरात ने मोटर वाहन कानून,  1988 में निर्धारित जुर्माने की राशि से भी ज्यादा कटौती की है.गुजरात ने हेलमेट या सीट बेल्ट ना पहनने, फोन के इस्तेमाल और लाइसेंस ना रखने पर 500 रुपये का जुर्माना रखा है. सड़क पर गलत लेन में गाड़ी चलाना और खतरनाक तरह से गाड़ी चलाना गैर-कंपाउंडेबल अपराधों की श्रेणी में आता है. ऐसा करने पर 1000-5000 रुपये का जुर्माना या छह महीने से एक साल की जेल हो सकती है. पर गुजरात इनमें संशोधन करते हुए तीन पहिया वाहनों के लिए जुर्माने की राशि 1,500 रुपये, हलके वाहनों के लिए 3,000 और भारी वाहनों के लिए 5000 रुपये रखी है.’

दरअसल, एक सितंबर से मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम, 2019 के लागू होने के बाद से यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस द्वारा वाहन चालकों से भारी जुर्माना वसूलने की खबरें सुर्खियों में रही हैं.

ऐसे में संशोधित मोटर वाहन कानून पर आमने-सामने आई केंद्र और राज्य सरकार कैसे अपने मतभेदों को सुलझाएगीं ये आगे आने वाले समय में ही पता चलेगा.


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