केंद्र सरकार ने कश्मीर मे केंद्रीय बलों के दस हजार जवान भेजे
केंद्र ने आतंकवाद निरोधक अभियानों और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कश्मीर घाटी में केंद्रीय बलों के करीब दस हजार कर्मियों को भेजने का आदेश दिया है.
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 25 जुलाई को तत्काल केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 100 कंपनियां तैनात करने का आदेश दिया है.
अधिकारियों ने कहा कि 100 और कंपनियां घाटी में भेजे जाने की संभावना है. एक कंपनी में करीब 100 कर्मी होते हैं.
उन्होंने बताया कि ये इकाइयां सीआरपीएफ (50 कंपनियां), एसएसबी (30 कंपनियां) और आईटीबीपी एवं बीएसएफ से (10-10 कंपनियां) ली जाएंगी.
जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी(पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, “केन्द्र सरकार के द्वारा वैली (कश्मीर) में 10,000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती से लोगों में भय का माहौल पैदा हो गया है. कश्मीर में सुरक्षा कर्मियों की कोई कमी नहीं है. जम्मू और कश्मीर की समस्या राजनैतिक है और इसे सैन्य हस्तक्षेप से सुलझाया नहीं जा सकता है. भारत सरकार को इसके बारे में दोबारा से सोचने और नीति में व्यापक बदलाव की जरूरत है.”
पूर्व आईएएस अधिकारी और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के अध्यक्ष शाह फैसल ने ट्वीट किया, “गृह मंत्रालय की ओर से जारी सीआरपीएफ(जबकि अलग-अलग सैन्य बलों को तैनात किया जाना है) के 100 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती संबंधी सूचना से कश्मीर में भारी तनाव पैदा हो रहा है. किसी को नहीं पता है कि इतनी भारी संख्या में सैन्य बलों की तैनाती क्यों हो रही है. अफवाह है कि कुछ डरावना होने वाला है. आर्टिकल 35ए?”
अधिकारियों के अनुसार इन कर्मियों को कश्मीर घाटी में आतंकवाद निरोधक ग्रिड को मजबूती प्रदान करने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए तैनात किया जाएगा. उन्हें विमानों और ट्रेनों से पहुंचाया जा रहा है.
समझा जाता है कि नई इकाइयां घाटी में पहले से तैनात सुरक्षाबलों का हाथ मजबूत करेंगी जो वार्षिक अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे हैं और रोजाना आतंकवाद निरोधक अभियान चला रहे हैं.
ये जवान घाटी में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की करीब 65 नियमित बटालियनों और यात्रा के सुचारू संचालन के लिए तैनात अन्य बलों की 20 अन्य बटालियनों के अतिरिक्त होंगे. यात्रा 15 अगस्त को समाप्त होगी.
एक बटालियन में करीब 1,000 कर्मी होते हैं.
अधिकारियों के अनुसार नई तैनातियों से राज्य में विधानसभा चुनाव कराने में भी मदद मिलेगी जो किसी भी समय होने की संभावना है.