असम: केंद्र सरकार ने बोडो समझौते पर हस्ताक्षर किए


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केंद्र सरकार ने असम के कुख्यात उग्रवादी समूह नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर दशकों पुराने बोडो मुद्दे पर लगभग पूर्ण विराम लगा दिया है. इस शांति समझौते में अलग बोडोलैंड की जगह केंद्र सरकार ने आर्थिक और राजनीतिक फायदे देने की बात कही है.

इससे पहले असम के मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने एक ट्वीट में कहा कि बोडो शांति समझौता को मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल नीत असम सरकार और बोडोलैंड टेरीटोरियल काउंसिल (बीटीसी) प्रमुख हागरामा मोहीलरी का पूरा समर्थन प्राप्त है, जो इसे दशकों पुराने बोडो मुद्दे को लेकर पूर्ण एवं अंतिम समाधान बनाता है.

नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) के संयोजक शर्मा ने कहा, ”बोडो समझौता असम की क्षेत्रीय अखंडता को मजबूत करेगा और हमें बोडोलैंड में शांति एवं प्रगति की नयी उम्मीद प्रदान करेगा.”

उन्होंने इस ऐतिहासिक समझौते को संभव बनाने वाले सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व के तहत इस पर हस्ताक्षर किए गए.

लंबे समय से बोडो राज्य की मांग करते हुए आंदोलन चलाने वाले ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएसयू) ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर किए.

इस समझौते पर नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के सभी चार धड़ों के नेतृत्वों, एबीएसयू प्रमुख प्रमोद बोरो, बीटीसी प्रमुख हागरामा मोहीलरी, सोनोवाल और शर्मा ने हस्ताक्षर किए।


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