मूल रिपोर्टिंग को बढ़ावा देगा गूगल, अल्गोरिद्म में हुआ बदलाव


changes to google algorithm to boost basic reporting

 

गूगल ने अपने अल्गोरिद्म में बदलाव की घोषणा करते हुए कहा है कि अब गूगल सर्च के परिणामों में मूल रिपोर्टिंग को प्रमुखता दी जाएगी.

दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल की मीडिया संगठनों द्वारा आलोचना की जा रही थी, खासतौर से उसके अल्गोरिद्म के लिए.

अल्गोरिद्म निर्देशों का एक ऐसा समूह है, जिसका अनुसरण कम्प्यूटर करता है. समाचार पत्र अक्सर ऑनलाइन ट्रैफिक और उद्योग की गिरावट का दोष गूगल के अल्गोरिद्म को देते हैं.

गूगल के समाचार मामलों के उपाध्यक्ष रिचर्ड गिंग्रास ने बदलावों के बारे में समझाते हुए ब्लॉग में लिखा कि जो खबरें आलोचनात्मक रूप से महत्वपूर्ण हों, कार्यबल को बढ़ाने वाली हों, उन्हें बढ़ावा दिया जाएगा.

उन्होंने 12 सितंबर को अपने ब्लॉग में लिखा कि जिन लेखों में मूल, गहन और जांच संबंधी रिपोर्टिंग होगी, उन्हें समीक्षकों की तरफ से अधिकतम रेटिंग दी जाएगी.

इन समीक्षकों में मोटे तौर पर 10,000 लोग हैं और इनके फीडबैक से गूगल अल्गोरिद्म बनाता है. अब समीक्षा के दौरान मूल रिपोर्टिंग के लिए प्रकाशक की प्रतिष्ठा पर भी जोर दिया जाएगा. उदाहरण के लिए पुलित्जर पुरस्कार पाने वाले संस्थान की खबरों को अधिक प्रमोट किया जाएगा.

टेक्नालॉजी वेबसाइट टेकक्रन्च ने कहा है कि ये तय करना भी बहुत कठिन है कि मूल रिपोर्टिंग क्या है- कई ऑनलाइन संस्थान अपनी मूल सूचना के आधार पर स्कूप या एक्सक्लूसिव तैयार करते हैं, लेकिन अल्गोरिद्म की जटिलता से उन्हें दिक्कत हो सकती है.

एक अन्य तकनीकी प्रकाशन वर्ज ने लिखा है कि मूल सामग्री पर बहुत अधिक जोर देने से, ऑनलाइन पोर्टल में बिना वैरिफिकेशन के ब्रेकिंग न्यूज पाने की होड़ बढ़ सकती है.

ये बदलाव ऐसे समय में आए हैं, जब गूगल को न्यूज मीडिया पर उसके असर के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.


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