छत्तीसगढ़ पुलिस ने नंदिनी सुन्दर को दी क्लीन चिट


Chatteesgadh Police gave Nandini Sundar and others clean chit

 

छत्तीसगढ़ पुलिस ने 2016 में हत्या के एक मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर नंदिनी सुंदर और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अर्चना प्रसाद सहित पांच अन्य लोगों को क्लीन चिट दे दी है. 

7 नवंबर, 2016 को सुकमा जिले के नामा गांव के निवासी शामनत बघेल की हत्या कर दी गई थी. घटना के वक्त बस्तर क्षेत्र के आईजी रहे एसआरपी कल्लूरी ने कहा था कि हत्या के बाद बघेल की पत्नी के बयान के आधार पर पुलिस ने दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर नंदिनी सुंदर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अर्चना प्रसाद, दिल्ली के जोशी अधिकार संस्थान के सदस्य विनीत तिवारी, सीपीएम के नेता संजय पाराटा, स्थानीय सरपंच मंजु कावासी और एक स्थानीय व्यक्ति मंगल राम वर्मा पर मामला दर्ज किया है.

सभी लोगों के खिलाफ छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के टोंगपाल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज था. सोमवार को एक स्थानीय अदालत में दायर किए गए आरोप पत्र में पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान उन्हें मामले के आरोपी तमाम लोगों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. 

सुकमा जिले के एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने कहा, “जांच के बाद हमें इस मामले में बनाए गए सभी आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं. और सभी गांव वालों का बयान लेने के बाद हमें ये मालूम हुआ है कि हत्या के समय आरोपियों में से कोई वहां मौजूद नहीं था. इसलिए, हम उनके खिलाफ मामला वापस ले रहे हैं.”

पुलिस की कार्रवाई पर संतोष जताते हुए नंदिनी सुंदर ने कहा है कि बेतुके सिद्धांतों की जगह पुलिस ने सबूतों के आधार पर जांच जारी रखकर अच्छा काम किया है. उन्होंने कहा, “जब सीबीआई ने ताड़मेटला हिंसा के लिए विशेष पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, ठीक उसके बाद हमारे खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया. यह साफ जाहिर था कि प्रारंभिक आरोप बदले की भावना से लगाए गए थे.”

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सभी साधारण निर्दोष आदिवासियों को भी वैसा ही न्याय मिलेगा, जो हमें मिला है.


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