छत्तीसगढ़ से होगी कांग्रेस की न्याय योजना की शुरुआत


baghel requests PM to extend benefits of PM Kisan to tribals forest-dwellers in chhattisgarh

 

2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में न्यूनतम आय योजना (न्याय) का एलान किया था. इस योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़ से होने जा रही है.

पार्टी के आलाकमान के निर्देश पर छत्तीसगढ़ सरकार इस योजना से जुड़ी एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है.

इस संबंध में पिछले हफ्ते प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. वह इस योजना के सिलसिले में रायपुर में थीं जहां उन्होंने बघेल से इस योजना के बारे में बात की.

2019 आम चुनाव के प्रचार में न्यान योजना कांग्रेस के लिए अहम मुद्दा था. इसका नारा था ‘अब होगा न्यान.’ इस योजना के तहत गरीबों को सालाना 72 हजार रुपये देने की बात कही गई थी.

आम चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने इस योजना के बारे में बढ़चढ़ कर प्रचार किया था. उन्होंने इसे गरीबी पर सर्जिकल स्ट्राइक, भारतीय अर्थव्यवस्था के इंजन के लिए डीजल और अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने वाले साधन के तौर पर बताया था. राहुल ने इस योजना को नरेंद्र मोदी के लोगों के खाते में 15 लाख डालने के वादे के खिलाफ उठाया था. वर्ष 2014 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी ने दावा किया था कि यदि वे सत्ता में आए तो काला धन वापस लाएंगे और सभी के खाते में 15-15 लाख रुपये डाले जाएंगे.

हालांकि, तमाम कोशिशों के बावजूद कांग्रेस इस योजना को लोगों के बीच बातचीत का मुद्दा बनाने में विफल रही थी.

अब छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के 20 फीसदी गरीब लोगों को सालाना 72 हजार देने का वादा किया है. कांग्रेस बार-बार दावा करती रही है कि इस तरह की योजनाए अर्थव्यवस्था को बचाए रखने के लिए जरूरी है. पार्टी के अंदर मामले के एक जानकार ने कहा है कि इस योजना को छत्तीगढ़ से शुरू करने का मकसद ही यही है.

अखबार द हिंदू से बातचीत में मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने कहा, “हम इस संबंध में पार्टी के अंदर बात कर रहे हैं और यह विचाराधीन है. इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत छोटे जगहों से होगी. बिल्कुल वैसे ही जैसे हमने कुपोषण के खिलाफ पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत बस्तर से की थी. इसके बाद 2 अक्तूबर से इसे पूरे राज्य में फैलाया जाएगा.”

बघेल ने कहा कि पार्टी आलाकमान और राज्य के नेताओं से आखिरी विचार-विमर्श करने के बाद इसे लागू करने के तौर-तरीकों को लोगों के सामने रखा जाएगा.

कांग्रेस के घोषणा पत्र समीति के संयोजक राजीव गौड़ा ने कहा कि यह योजना कई अर्थशास्त्रियों के साथ बातचीत का नतीजा है. न्यान योजना को यूनिवर्सल बेसिक इनकम उपलब्ध कराने के मकसद से लाया गया है. जिसे वित्तीय तौर पर अव्यवहारिक माना जा रहा था.

गौड़ा ने कहा कि वर्तमान में जो अर्थव्यव्स्था का हाल है ऐसे में यह योजना और लाभकारी हो गई है क्योंकि इससे तरलता आने में मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा, “पिछले कुछ सालों से ग्रामीण आय स्थिर है. यह योजना लोगों को बुनादी स्तर पर समर्थन प्रदान करता है. इससे लोगों को महज जीवित रहने की चिंताओं से मुक्ती मिलेगी. और वे अन्य चीजों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा और बाकि जरूरी चीजों के बारे में सोच पाएंगे.”


ताज़ा ख़बरें