छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार की अनुमति के बिना सीबीआई जांच नहीं


cbi vs cbi delhi court criticized agency for investigation in corruption case

 

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में नए मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गयी सामान्य सहमति वापस ले ली है. इसके बाद राज्य की अनुमति के बिना सीबीआई जांच शुरू नहीं कर सकती है. पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश सरकार पहले ही इस तरह का कदम उठा चुकी है.

छत्तीसगढ़ में हाल ही में कांग्रेस को सत्ता मिली है. जबकि आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में गैर बीजेपी सरकार है.

आलोक वर्मा को सीबीआई प्रमुख के पद से हटाने के बाद यह फैसला लिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले एक पैनल ने आलोक वर्मा को पद से हटा दिया है. केंद्रीय सतर्कता आयोग की जांच रिपोर्ट में वर्मा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था.

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पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और कार्मिक मंत्रालय को पत्र लिखा है. पत्र में सीबीआई को राज्य में कोई भी नया मामला दर्ज नहीं करने के निर्देश देने की मांग की गई है.

साल 2001 में छत्तीसगढ़ सरकार ने सीबीआई को जांच के लिए सामान्य सहमति दी थी.

पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश सरकार ने अपने यहां जांच करने और छापा मारने के लिए सीबीआई को दी गयी सामान्य सहमति साल 2018 में वापस ले ली थी.

दिल्ली में कार्मिक मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सामान्य सहमति वापस लेने का पहले से चल रही सीबीआई जांच वाले मामलों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.


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