INX मीडिया मामला: चिदंबरम को 28 अगस्त तक गिरफ्तार नहीं कर सकती ईडी


accountability of jnu attack goes from police to amit shah says p chidambaram

 

आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) द्वारा 28 अगस्त तक गिरफ्तारी से राहत मिल गई है. यह आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया.

इस मामले में ईडी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी नहीं हो पाई. इस याचिका पर अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी.

सुनवाई के दौरान चिदंबरम के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चिदंबरम के खिलाफ जिस पीएमएलए कानून के उल्लंघन का आरोप है, वह कानून 2009 में आया था और इस आधार पर चिदंबरम के खिलाफ केस दर्ज नहीं हो सकता क्योंकि चिदंबरम के खिलाफ अपराध का आरोप 2007 का है.

जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ के समक्ष चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक आवेदन दायर किया है जिसमें पिछले साल 19 दिसंबर, एक जनवरी और 21 जनवरी, 2019 को उनके मुवक्किल से की गई पूछताछ का लिखित ब्यौरा पेश करने का प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

सिब्बल ने कहा कि इस लिखित ब्यौरे से पता चल जाएगा कि क्या चिदंबरम पूछताछ के दौरान जवाब देने से बच रहे थे, जैसा कि प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है. उन्होंने पीठ से कहा कि चिदंबरम को हिरासत में लेने के लिए प्रवर्तन निदेशालय अपनी मर्जी से और पीठ पीछे कोई दस्तावेज दाखिल नहीं कर सकता है.

सिब्बल ने कहा, ‘वे अचानक ही दस्तावेज पेश कर रहे हैं और कहते हैं कि यह केस डायरी का हिस्सा है.’

उधर मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईडी के हलफनामे पर चिदंबरम ने अपने जवाब में कहा कि ईडी जिन संपत्तियों और बैंक खातों का हवाला दे रही है वह सभी वैध हैं.

चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया करप्शन और मनी लॉन्ड्रिंग केस में अभी सीबीआई की हिरासत में हैं. दिल्ली की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने सोमवार को उनकी हिरासत अवधि 30 अगस्त बढ़ा दी. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी चिदंबरम की गिरफ्तारी की जुगत में लगा है.

शीर्ष अदालत की यह पीठ INX मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चिदंबरम की अग्रिम जमानत रद्द करने के दिल्ली हाई कोर्ट के 20 अगस्त के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही है.

सीबीआई ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की जिसमें आरोप लगाया गया था कि INX मीडिया समूह को विदेश से 305 करोड़ का निवेश प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी देने में अनियमितताएं की गईं. यह मंजूरी उस वक्त दी गई थी जब चिदंबरम वित्त मंत्री थे. इसके बाद, 2017 में ही ईडी ने चिदंबरम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.


ताज़ा ख़बरें