राहुल से अध्यक्ष पद पर बने रहने का आग्रह


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राहुल गांधी के इस्तीफे पर अडिग रहने के फैसले को लेकर कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने एक जुलाई को उनसे मुलाकात की. उन्होंने राहुल से पार्टी अध्यक्ष पद पर बने रहने का आग्रह किया है.

लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद से ही राहुल गांधी इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं.

बैठक के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, “हमने राहुल जी से आग्रह किया कि वह अध्यक्ष पद पर बने रहें. उन्होंने हमारी बात सुनी है. हम आशा करते हैं कि वह हमारे आग्रह को स्वीकार करेंगे.”

इस बैठक में अशोक गहलोत, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी शामिल हुए.

वहीं सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्रियों ने राहुल से पद पर बने रहने का आग्रह किया तो राहुल गांधी ने अपना पुराना रुख दोहराया कि वह पदमुक्त होने का फैसला कर चुके हैं.

खबरों के मुताबिक राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने राहुल गांधी के समक्ष पद छोड़ने की पेशकश की, हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है.

यह पूछे जाने पर कि क्या मुख्यमंत्रियों ने इस्तीफे की पेशकश की है तो गहलोत ने कहा, “चुनावों में हार और जीत होती है. परंतु आलाकमान फैसला करता है. सभी मुख्यमंत्रियों ने 25 मई को हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में इस्तीफे की पेशकश की थी. पूरे सीडब्ल्यूसी ने इस्तीफे की पेशकश की थी और राहुल गांधी को पार्टी में बदलाव के लिए अधिकृत किया था.”

इस मुलाकात से पहले गहलोत ने कहा था, “पहले भी हमने कहा है कि हम सभी कांग्रेस अध्यक्ष के साथ हैं और 2019 की हार की जिम्मेदार लेते हैं.”

उन्होंने कहा, “हमारा यह मानना है कि मौजूदा हालात में सिर्फ राहुल जी ही पार्टी का नेतृत्व कर सकते हैं. देश और देशवासियों के कल्याण को लेकर उनकी प्रतिबद्धता सवालों से परे और बेमिसाल है.”

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा, “2019 के चुनाव का नतीजा कांग्रेस के कार्यक्रम, नीति और विचारधारा की हार नहीं थी. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई मोर्चो पर मोदी सरकार की विफलता के बावजूद बीजेपी सरकारी मशीनरी की मदद से उग्रवाद राष्ट्रवाद के पीछे अपनी विफलता को छिपा ले गई.”


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