मसूद अजहर के मामले में सबकी निगाहें चीन पर


un designated masood ajhar as global terrorist

 

आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के तौर पर चिह्नित किए जाने के प्रस्ताव पर 14 मार्च को फैसला आ जाएगा. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी)इस पर निर्णय लेगा.अलकायदा प्रतिबंध समिति के सूचीबद्ध नियमों के तहत अगर किसी भी सदस्य की ओर से कोई आपत्ति नहीं उठाई गई तो फैसले को स्वीकृत माना जाएगा. इसका अर्थ यह होगा कि अजहर को संयुक्त राष्ट्र चिह्वित वैश्विक आतंकवादी मान लिया जाएगा.

इस प्रस्ताव के बाद सबकी नजरें चीन पर हैं क्योंकि वह 2009 के बाद से तीन बार अड़ंगा डाल चुका है.

पुलवामा हमले के बाद, अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव फ्रांस, ब्रिटेन एवं अमेरिका की ओर से 27 फरवरी को रखा गया था.

फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका इस पर फैसला लेने के लिए 10 दिन का समय था. जिसके मुताबिक भारतीय समयानुसार 14 मार्च तक इस पर फैसला आ जाएगा. समिति अपने सदस्यों की सर्वसम्मति से फैसले लेती है

इस समय सबकी निगाहें चीन पर हैं. चीन इससे पहले भी अजहर को संयुक्त राष्ट्र से वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयासों में अड़ंगा डाल चुका है.

अजहर को वैश्विक आतंकवादी के तौर पर चिह्नित कराए जाने का यह पिछले 10 साल में किया गया चौथा प्रयास है.

पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत ने इस्लामाबाद के खिलाफ कूटनीतिक अभियान तेज करते हुए 25 देशों के दूतों को इस बारे में अवगत कराया था. इसमें यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्य- अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस को पाकिस्तान की भूमिका से वाकिफ कराया गया .

चीन ने कहा कि इस मुद्दे का ऐसा समाधान होना चाहिए जो सभी पक्षों के अनुकूल हो. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘ मैं यह दोहराता हूं कि चीन जिम्मेदाराना रवैया अपनाना जारी रखेगा और यूएनएससी 1267 समिति के विचार-विमर्श में हिस्सा लेगा.”

चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो की शक्ति रखनेवाला सदस्य है. इस वजह से सबकी निगाहें चीन पर हैं. चीन इस बात पर जोर दे रहा है कि समाधान सभी को स्वीकार्य होना चाहिए.


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