हांगकांग: विरोध प्रदर्शनों पर चीनी सेना ने तोड़ी चुप्पी, प्रदर्शनकारियों को दी चेतावनी
हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में और चीन को प्रत्यर्पण करने वाले विधेयक के खिलाफ हफ्तों से जारी विरोध प्रदर्शनों पर पहली बार बोलते हुए चीनी सेना प्रमुख ने कहा है कि क्षेत्र में अशांति से लोगों के जीवन और सुरक्षा पर बहुत बड़ा खतरा पैदा हो गया है. साथ ही उन्होंने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी देते हुए साफ शब्दों में कहा कि अशांति बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी गैरिसन के कमांडर ने हांगकांग में चेतावनी देते हुए कहा कि वो हांगकांग की राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
पीएलए की 92वीं वर्षगांठ पर सेना प्रमुख ने ये बयान दिया. इससे एक दिन पहले सेना ने 43 प्रदर्शनकारियों पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए उन पर मामला दर्ज किया था. हालांकि आरोपी लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है. आरोपी लोगों में जहां 16 वर्ष की आयु वाले बच्चों से लेकर कैथे पैसिफिक के पायलट शामिल हैं.
पीएलए प्रमुख ने हांगकांग के मुख्य कार्यकारी कैरी लेम और हांगकांग पुलिस द्वारा कड़ाई से न्याय व्यवस्था बनाए रखने के लिए उनके साथ एकजुटता जाहिर की.
इस मौके पर पीएलए ने एक वीडियो भी जारी किया. वीडियो के एक सीन में सेना के जवानों का दस्ता मार्च कर रहा है और प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा घेरा तोड़ने से रोक रहा है. वीडियो में टैंक, वाटर कैनन और हथकड़ी बांधकर ले जाते हुए लोगों को भी देखा जा सकता है.
कमांडर की प्रतिक्रिया ऐसा समय में आई है जब हांगकांग के मुख्य कार्यकारी तुंग ची-ह्वा ने अमेरिका और ताइवान पर दबे लहजे में प्रदर्शनकारियों को बढ़ाव देने का आरोप लगाया है. चाइनीज पीपुल पॉलिटिकल कंसलटेटिव कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष तुंग ने भी हांगकांग प्रशासन को समर्थन देते हुए कहा कि न्याय का राज स्थापित करने और सामाजित व्यवस्था बनाए रखने के लिए वो उनके साथ हैं.
पीएलए प्रमुख और तुंग का बयान इस मामले में बीजिंग के पक्ष को ही एक बार फिर दोहराने जैसा है. जिसमें वो लगातार कहता रहा है कि बाहरी ताकतें हांगकांग में प्रदर्शनों को बढ़ावा दे रही हैं और यह कि वो हिंसक प्रदर्शनों का विरोध करता है.
चीनी सेना प्रमुख के बयान के बाद ये डर अब और बढ़ गया है कि चीनी सेना प्रदर्शनों को रोकने के लिए हस्तक्षेप कर सकती है. बीते हफ्ते चीनी रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि अगर हांगकांग सरकार सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए सहायता मांगती है तो बीजिंग कानूनी तौर पर हतक्षेप कर सकता है.
कल अमेरिकी अधिकारियों से जानकारी मिली थी कि ह्वाइट हाउस हांगकांग में चीन सेना के समारोह पर निगरानी रखे हुए है.
नोटिंघम विश्वविद्यालय में चीनी रिसर्चर एंड्रिया फुलडा ने कहा कि “पीएलए का बयान हांगकांग नागरिकों के खिलाफ मनोवैज्ञानिक संघर्ष को दर्शाता है.” उन्होंने कहा कि हांगकांग में सेना का इस्तेमाल चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की अंदरूनी कलह को भी सामने ले आएगा.” उनके मुताबिक हांगकांग पार्टी के लिए वित्तीय आय का प्रमुख स्रोत है.
हांगकांग में बीते आठ हफ्तों से प्रदर्शन हो रहे हैं. जहां नागरिक लोकतंत्र के समर्थन में और चीन को प्रत्यर्पण करने वाले विधेयक के खिलाफ लगातर प्रदर्शनों, रैलियों और हड़ताल आदि का आयोजन कर रहे हैं. प्रदर्शन के दौरान नागरिकों में रोष उस समय और अधिक बढ़ गया था जब प्रशासन द्वारा विरोध को रोकने के लिए बड़ी मात्रा में पुलिस बल का सहारा लिया गया.
सप्ताहांत और अगले हफ्ते भी विरोध प्रदर्शनों का आयोजन करने की खबरे हैं. इस सप्ताहांत में सामाजिक कार्यकर्ता शांतिपूर्ण रैली करेंगे. इसके साथ ही सोमावार को हांगकांग कन्फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन के बैनर तले भी हड़ताल की जाएगी.