चिन्मयानंद मामला: सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए एसआईटी बनाने का निर्देश दिया


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सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि चिन्मयानंद के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए आईजी रैंक के पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच दल का गठन किया जाए.

चिन्मयानंद पर शाहजहांपुर के एसएस लॉ कालेज की एक छात्रा ने मारने और धमकी देने का आरोप लगाया था. छात्रा बाद में राजस्थान में मिली और उसे 30 अगस्त को ही कोर्ट के निर्देश पर न्यायाधीशों के समक्ष पेश किया गया था.

जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने इस प्रकरण की सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य जज से अनुरोध किया कि वह इस मामले में एक दूसरे के खिलाफ दायर प्राथमिकियों की जांच की निगरानी के लिए एक पीठ गठित करें.

पीठ ने कहा कि विशेष जांच दल, जिसमें पुलिस अधीक्षक रैंक का अधिकारी भी होगा, महिला की शिकायतों पर गौर करेगा.

चिन्मायानंद पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने और अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की जिंदगी के खतरे के बारे में कानून की इस छात्रा की वीडियो क्लिप 24 अगस्त को सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी.

इसके बाद उसके लापता होने की खबर आने लगी जिसके मद्देनजर शाहजहांपुर पुलिस ने 27 अगस्त को पूर्व केन्द्रीय मंत्री के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी.

छात्रा के पिता ने भी पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें चिन्मयानंद पर उसका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. बीजेपी नेता के वकील ने इस आरोप के जवाब में कहा कि उन्हें ब्लैकमेल करने की साजिश की जा रही है.

छात्रा के पिता ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी 72 वर्षीय बीजेपी नेता के इशारे पर ही लापता की गई थी.


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