नागरिकता विधेयक: लखनऊ और मऊ में भी हुए प्रदर्शन


court seeks report from police over action taken on jamia students

 

जामिया मिलिया इस्लामिया में संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहे छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ विरोध की आंच अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से होते हुए लखनऊ और मऊ तक पहुंच गई.

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि अलीगढ़, सहारनपुर और मेरठ में इंटरनेट सेवाएं एहतियातन बंद कर दी गई हैं.

अलीगढ़ में छात्र—पुलिस संघर्ष के मामले में कम से कम 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एएमयू टीचर्स एसोसिएशन ने घटना की न्यायिक जांच कराने और 15 दिसंबर की रात विश्वविद्यालय के विभिन्न हिस्सों से हिरासत में लिए गए छात्रों की रिहाई की मांग की है.

उधर, मऊ के दक्षिण टोला में प्रदर्शनकारियों ने नागरिकता कानून के खिलाफ जमकर विरोध किया.

अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने बताया कि एएमयू हिंसा में कुल 56 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उनमें से 21 को गिरफ्तार किया गया है.

आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक अजय आनंद ने बताया कि एएमयू प्रशासन के आदेश पर छात्रावास खाली करके जा रहे छात्रों को उनके गंतव्यों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिये 40 बसों का इंतजाम किया गया है. इसके अलावा देश के पूर्वी और उत्तर—पूर्वी राज्यों में जाने वाली लम्बी दूरी की सभी रेलगाड़ियों को अलीगढ़ में रुकने का आदेश दिया गया है ताकि छात्रावास खाली करके जा रहे छात्र अपने घर रवाना हो सकें.

एएमयू के रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन जिला के जिम्मेदार अधिकारियों के लगातार सम्पर्क में है ताकि पूछताछ के लिये हिरासत में लिए गए छात्रों की जानकारी मिल सके.

उधर, मऊ से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जिले के दक्षिण टोला थाना क्षेत्र के मिर्जा हाजीपुरा चौक पर प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़े.

इस बीच, एएमयू प्रशासन की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि अराजक तत्वों की वजह से 16 दिसंबर की रात परिसर का माहौल खराब हुआ था.

विश्वविद्यालय के प्रवक्ता शाफे किदवाई ने घटनाक्रम का जिक्र करते हुए बताया कि सीएए के खिलाफ एएमयू में पिछले कई दिनों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन हो रहा था, मगर 16 दिसंबर को जामिया में पुलिस और छात्रों के बीच संघर्ष के बाद हालात खराब होने शुरू हुए. कुछ अराजक तत्वों ने प्रदर्शनकारियों को भड़काना शुरू किया, जिसके बाद हालात बिगड़ते चले गए. स्थिति इतनी खराब हुई कि उसमें कुछ बेकसूर छात्रों की जान भी जा सकती थी.

मॉरिसन कोर्ट हास्टल के एक छात्र ने दावा किया कि कुछ पुलिसकर्मी रात में सुरक्षागार्डों से मारपीट कर हॉस्टल में घुस गए और एक कमरे की खिड़की तोड़कर उसमें आंसूगैस का गोला डाल दिया. पुलिस ने कमरे से निकलकर भाग रहे उसके भाई समेत तीन छात्रों को पकड़ लिया और उन्हें अपने साथ ले गई. उनका अभी तक कुछ पता नहीं चला है.

इस बीच, संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के जामिया में हुई हिंसा की आंच अलीगढ़ से होती हुई लखनऊ तक भी पहुंच गई.

लखनऊ स्थित नदवतुल उलमा (नदवा) और इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में नाराज छात्रों ने प्रदर्शन किया. हालात के मद्देनजर दोनों संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी गई है.

नदवा के प्रवक्ता फैजान नगरामी के मुताबिक जामिया के एक छात्र की पुलिस कार्रवाई में मौत की अफवाह से नाराज नदवा छात्रों ने रविवार रात परिसर में हंगामा किया था. उस वक्त पुलिस ने उन्हें रोक दिया था. सुबह करीब साढ़े 8 बजे छात्रों ने फिर नदवा परिसर में नारेबाजी की. छात्र जबरन गेट खुलवाकर बाहर आ गये और सड़क पर प्रदर्शन किया. गेट के सामने लेट गये कुछ छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया.

हालात सम्भलने के बाद पुलिस महानिरीक्षक एस.के. भगत और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने नदवा के उप प्रधानाचार्य अब्दुल अजीज भटकली से बातचीत की. नदवा प्रशासन ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज देखकर प्रदर्शनकारियों को चिह्नित किया जाएगा.

हालात के मद्देनजर नदवा में आगामी पांच जनवरी तक छुट्टी का एलान कर दिया गया.


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