निजीकरण होने तक चलती रहेगी एयर इंडिया: उड्डयन मंत्री


air india will be privatized says government

 

नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि जब तक एयर इंडिया का निजीकरण नहीं हो जाता है तब तक यह चलती रहेगी. उन्होंने कहा कि एयरलाइन को रोजाना 20 से 26 करोड़ रुपये का नुकसान उडाना पड़ रहा है.

पुरी ने कहा, ”एयर इंडिया चल रही है, यह दौड़ती रहेगी. लेकिन इसका निजीकरण करना होगा क्योंकि इसे रोजाना 20 से 26 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है. यह करदाताओं का पैसा है इसे बेहतर मुनाफे वाले कामों में खर्च किया जाना चाहिए.”

इससे पहले हरदीप पुरी ने कहा था कि एयर इंडिया पर भारी कर्ज का बोझ है इसे चलाना मुश्किल है.  एयर इंडिया प्रमुख ने भी कुछ सप्ताह पहले कहा कि एयरलाइन पर भारी वित्तीय बोझ को देखते हुए इसके उड़ान कार्यो को जारी रखना मुश्किल है.

विनिवेश के रास्ते पर आगे बढ़ रही एयर इंडिया का वर्ष 2018- 19 में घाटा 8,556 करोड़ रुपये रहा है, वहीं एयरलाइन पर कुल मिलाकर 80,000 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है.

पूरी ने कहा कि ”दो साल पहले हमने एक प्रयास किया था. यह प्रयास सफल नहीं रहा. उसे अनुभव से हमने सीखा है. हमारा प्रयास है कि हम आने वाले कुछ सप्ताह में आशय पत्र मंगाने के लिए निविदा जारी करेंगे. यह काम जल्द होगा.”

उन्होंने कहा, ”रणनीति कारणों को ध्यान में रखते हुए हम किसी भारतीय कंपनी को चाहते हैं कि एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए वह आगे आए. ”

सरकार ने वर्ष 2018 में इस राष्ट्रीय विमानन कंपनी में अपनी 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्रसताव किया था. इसके साथ प्रबंधन नियंत्रण भी सौंपने की घोषणा की थी. लेकिन इस पेशकश के लिए कोई बोली नहीं मिली. यह बोली प्रक्रिया 31 मई 2018 को समापत हो गई. इसके बाद केन्द्र सरकार ने इस साल फिर से विनिवेश प्रक्रिया की शुरुआत की है.

उड्डयन मंत्री ने कहा ”हम गंभीरता के साथ काम कर रहे हैं. कल भी हमारी कई घंटे तक बैठक चली. हमारी एयर इंडिया स्पेशिफिक एल्टनेटिव मैक्निजम की आने वाले सप्ताह में बेठक होगी. इसके बाद हम प्रक्रिया को आगे बढ़ायेंगे.”


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