तुर्की के आक्रमणकारियों और कुर्दों के बीच लड़ाई से मानवीय संकट गहराया


Civilians flee as Syria Kurds battle Turkish invasion

 

तुर्की के बलों की तरफ से किए जा रहे हवाई हमलों और गोलाबारी को रोकने के सीरियाई कुर्दों के प्रयासों के बीच हजारों की संख्या में आम नागरिक क्षेत्र से पलायन करने पर मजबूर हो गए हैं. इससे वहां मानवीय संकट गहराने की आशंका प्रबल हो गई है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन को सीरिया में हमले की इजाजत देने को सही ठहराने का प्रयास किया है. लेकिन इसे वाशिंगटन के कभी करीबी सहयोगी रहे कुर्दों के प्रति विश्वासघात के रूप में देखा जा रहा है.

बाद में ट्रंप ने कहा कि वाशिंगटन तुर्की और कुर्दिश समूहों के बीच मध्यस्थता कर सकता है. अमेरिका के एक अधिकारी ने कहा कि ट्रंप ने अमेरिकी राजनयिकों को संघर्षविराम करवाने की जिम्मेदारी सौंपी है.

तुर्की हमले की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा हो रही है.

संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने हिंसा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है जबकि परिषद के पांच यूरोपीय सदस्यों ने तुर्की से कहा है कि वह एकतरफा सैन्य कार्रवाई रोक दे.

संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय ने बृहस्पतिवार को अनुमान व्यक्त किया कि बुधवार को कुर्द ठिकानों के खिलाफ चलाए गए अंकारा के अभियान के बाद से 70,000 लोग विस्थपित हुए हैं.

कुर्द बहुल शहर कामिशली से अपने परिवार समेत भागे 33 वर्षीय रिजान मोहम्मद ने बताया कि उन्हें डर है कि झड़प और तीव्र हो सकती है. बमबारी का भी खतरा है.

तुर्की ने कुर्द नियंत्रित पूर्वोत्तर सीरिया पर बुधवार को हमला किया था और जमीनी लड़ाई में मदद के लिए बम गिराए. अमेरिका द्वारा अपने सैनिकों को वापस बुलाने की रविवार की घोषणा के बाद यह हमला हुआ.


ताज़ा ख़बरें