फरवरी में बेरोजगारी दर ढाई साल में सबसे ज्यादा: CMIE


India's February unemployment rate highest in last four months

 

भारत में बेरोजगारी दर बीते महीने फरवरी में बढ़कर पिछले ढाई साल के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि बीते साल फरवरी में बेरोजगारी दर 5.9 फीसदी थी, जो इस साल बढ़कर 7.2 फीसदी हो गई.

पिछले महीने बेरोजगारी दर सितंबर 2016 के बाद सबसे ज्यादा दर्ज की गई थी.

सीएमआईई ने यह आंकड़ा मंगलवार को जारी किया. लाइव मिंट में छपी खबर के मुताबिक मुंबई स्थित सीएमआईई प्रमुख महेश व्यास ने श्रमबल भागीदारी दर में अनुमानित गिरावट का हवाला देते हुए समाचार एजेंसी को बताया कि पिछले साल फरवरी में 40 करोड़ 60 लाख लोग काम कर रहे थे, जबकि इस साल यह आंकड़ा 40 करोड़ है. उन्होंने बताया कि नौकरी तलाशने वाले की संख्या में गिरावट के बावजूद बेरोजगारी दर बढ़ी है.

सीएमआईई के आंकड़े देश भर से हजारों घरों के सर्वेक्षण पर आधारित हैं. कई अर्थशास्त्री इन आंकड़ों को सरकार की ओर से जारी किए जाने वाले आंकड़ों से अधिक विश्वसनीय मानते हैं.

जनवरी में सीएमआईई ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि नोटबंदी और माल एवं सेवा कर की वजह से 2018 में भारत में करीब एक करोड़ 10 लाख लोग बेरोजगार हुए. हालांकि बीते महीने सरकार ने संसद को बताया कि सरकार के पास नोटबंदी का बेरोजगारी और लघु उद्योगों पर क्या असर हुआ इस पर कोई आंकड़े मौजूद नहीं है.

दिसंबर महीने में राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग द्वारा मंजूरी मिलने के बाद भी सरकार ने बेरोजगारी दर पर नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) के सर्वेक्षण के आंकड़ों को जारी नहीं किए हैं. जिसके बाद जनवरी में संस्थान के कार्यवाहक अध्यक्ष पीसी मोहनन और संस्थान की गैर-सरकारी सदस्य जेवी मीनाक्षी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.

बिजनेस स्टैंडर्ड ने एनएसएसओ रिपोर्ट के आंकड़े छापते हुए खुलासा किया था कि साल 2017-18 में बेरोजगारी दर पिछले 45 साल में सबसे ज्यादा रही.


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