इस्तीफा दे चुके विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग करेंगे: सिद्धरमैया
कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने कहा कि जिन बागी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है पार्टी उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग करेगी.
राज्य में विधायकों के इस्तीफे के दौर के बीच कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने कहा कि उनका हर कदम इतिहास बनेगा. कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार के भविष्य की कुंजी अब केआर रमेश कुमार के ही हाथों में है.
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने इस्तीफा देने वाले पार्टी के दस विधायकों से अनुरोध किया है कि वे पार्टी में वापस आ जाएं नहीं तो नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहें.
गठबंधन के 13 विधायकों के इस्तीफे के बाद उपजे संकट से निपटने के लिए आयोजित कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद उन्होंने पत्रकारों से हुई बातचीत में यह घोषणा की. इन 13 विधायकों में दस कांग्रेस के और तीन जद(एस) विधायक हैं.
सिद्धरमैया ने दावा किया कि इस्तीफा न स्वेच्छा से दिया गया है और न ही वास्तविक है.
उन्होंने बताया कि बैठक में शामिल हुए सभी विधायकों ने पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा दोहराई है.
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी कर्नाटक और अन्य राज्यों में चुनी हुई सरकार को गैर-लोकतांत्रिक तरीके से अस्थिर कर रही है और यह उनका छठा प्रयास है.
सिद्धरमैया ने कहा कि कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार से इन विधायकों को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध करेगी.
उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग विधानसभा में गांधी प्रतिमा के पास धरने का आयोजन करने जा रहे हैं जिसमें सभी विधायक हिस्सा लेंगे, इसके बाद हमलोग विधानसभा अध्यक्ष को अर्जी सौंपेंगे.’’
बहरहाल बदलते परिदृश्य में अब सभी की निगाहें विधानसभा अध्यक्ष कुमार पर टिकी हुई हैं, जिन्हें कांग्रेस और जद(एस) के कुल 13 विधायकों के विधानसभा से इस्तीफे पर फैसला लेना है.
यह पूछे जाने पर कि क्या उनके कार्यालय में भेजा गया इस्तीफा स्वीकृत होगा, इस पर कुमार ने संकेत दिया कि विधायकों को अपना इस्तीफा उनसे मिलकर निजी तौर पर देना चाहिए. उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘वरना, मेरी तो कोई जरूरत ही नहीं है. अगर सबकुछ पत्राचार के माध्यम से हो सकता है तो मेरी क्या जरूरत है.’’
बताया जाता है कि दो निर्दलीय विधायकों के साथ ये विधायक इस वक्त महाराष्ट्र में कहीं ठहरे हुए हैं और उनकी बीजेपी को समर्थन देने की संभावना है.