मतगणना से पहले आईं उत्तर प्रदेश और बिहार से ईवीएम बदलने की शिकायतें


Election Commission is violating VVPAT Manual of EVM: CPM

 

23 मई को होने वाली मतगणना से ठीक पहले देश के विभिन्न हिस्सों खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार से ईवीएम मशीनें बदलने की शिकायतें सामने आ रही हैं. ऐसे मामलों को विपक्षी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं से लेकर विभिन्न पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर साझा किया है. मुख्यतः उत्तर प्रदेश के झांसी, मेरठ, गाजीपुर, चंदौली और बिहार के सारण और महाराजगंज से लगातार ऐसी शिकायतें आ रही हैं.

खबरों के मुताबिक संसदीय क्षेत्रों में मौजूद स्ट्रॉन्ग रूम में अगल-अलग विधानसभा क्षेत्रों से ईवीएम से भरे ट्रक पहुंचे रहे हैं. जहां विपक्षी नेता इसे असामान्य और गलत ठहराते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं पत्रकार लगातार जगह-जगह से ईवीएम से भरे ट्रक पकड़े जाने की खबरें साझा कर रहे हैं. साथ ही सातवें चरण में संपन्न हुए मतदान के बाद कई जगहों पर ईवीएम देर से स्ट्रांग रूम में पहुंचने की खबरें भी आ रही हैं.

मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने महाराष्ट्र मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर ईवीएम में किसी तरह की गड़बड़ी की समस्या से निपटने के लिए मतगणना केंद्रों में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है.

वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया, “सुरक्षा को ताक पर रखकर बिना उम्मीदवारों को सूचित किए पक्षपाती चुनाव आयोग ने रिजर्व ईवीएम को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की अनुमति दे दी. मतदान के बाद केंद्रों में रिजर्व ईवीएम को लाना कई सवाल खड़े करता है.”

एक ट्विटर यूजर ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश के झांसी में उम्मीवारों को पूर्व सूचना दिए बिना ईवीएम को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया गया. उन्होंने कहा, आयोग अधिकारियों के पास इस बारे में कोई जवाब नहीं है. साथ ही सवाल किया कि मतदान के एक दिन बाद इन ईवीएम को निजी वाहनों में क्यों ले जाया जा रहा है.

मिर्जापुर से कांग्रेस उम्मीदवार ललितेश पति त्रिपाठी ने लोकसभा क्षेत्र के पर्यवेक्षक को पत्र लिखकर मतगणना केंद्र पर लाई गई रिजर्व ईवीएम को हटाने की मांग की है. पत्र में उन्होंने कहा है कि मतदान के लिए इस्तेमाल की गई ईवीएम ही मतगणना केंद्र में रखी जाएं.

कल उत्तर प्रदेश में वाराणसी से सटे चंदौली संसदीय क्षेत्र में ऐसा ही एक मामला सामने आया. जहां विरोध प्रदर्शन उस समय शुरू हुए जब सकलडीहा विधानसभा क्षेत्र से नवीन कृषि मंडी स्थल पर अतिरिक्त ईवीएम लाई गईं.

चंदौली में सातवें चरण में 19 मई को मतदान हुए थे.

हालांकि प्रशासन ने इन आरोपों का खंडन किया है. अधिकारियों का कहना है कि सकलडीहा से नवीन मंडी स्थल में लाई गईं ईवीएम का इस्तेमाल नहीं किया गया है.

जिला निर्वाचन अधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बताया कि “सकलडीहा में ऐसी 35 ईवीएम रखी गई थीं जिनका इस्तेमाल नहीं किया गया था. ये 19 मई को नहीं लाई जा सकी थी, इसलिए कल इन्हें चंदौली के सकलडीहा से नवीन मंडी स्थल पर लाया गया.”

उन्होंने कहा, “सभी पार्टियों के नेताओं के सामने 19 मई को इस्तेमाल की गई ईवीएम को पहले ही नवीन मंडी स्थल पर सील किया जा चुका है.”

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि जब यहां ईवीएम लाई गई थीं तो पार्टियों के नेताओं ने विरोध किया था. लेकिन उनकी सहमति के लिए उन्हें सट्रॉन्ग रूम की सील दिखाई गई थी. उन्होंने कहा, “इसके बाद जिला प्रशासन अधिकारी ने मामला सुलझाने के लिए दलों के नेताओं के साथ मीटिंग भी की थी.”

वहीं चंदौली विधानसभा क्षेत्र के विधायक समेत सपा-बसपा और कांग्रेस कार्यकर्ता आज सुबह मौके पर पहुंचे और मांग की कि इस्तेमाल नहीं की गई ईवीएम को यहां से जल्द-जल्द हटाया जाए. उनका आरोप है कि बीजेपी के इशारे पर ईवीएम की अदला बदली की जा रही है.

इसके साथ ही गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से सपा-बसपा महागठबंधन के उम्मीदवार अफजाल अंसारी ने स्ट्रॉन्ग रूम से कुछ दूरी पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि दूसरे जिलों से यहां ईवीएम लाई जा रही हैं.

जबकि प्रशासन लगातार इन आोरपों से इनकार कर रहा है.

मौके पर पहुंचे जिला निर्वाचन अधिकारी के बालाजी ने मामले में अंशारी को समझाने की कोशिश की. उन्होंने अंशारी को आश्वसत करने की कोशिश की कि स्ट्रॉन्ग रूम की कड़ी सुरक्षा की जा रही है. वहीं अधिकारी द्वारा मांग पूरी न होने के चलते अंसारी अब भी प्रदर्शन कर रहे हैं.

इसके अलावा एक ट्विटर यूजर प्रशांत कनौजिया ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में ईवीएम से भरा ट्रक पकड़े जाने की खबर दी.

राष्ट्रीय जनता दल ने बिहार के सारण और महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र में ईवीएम से भरी गाड़ियां पकड़े जाने की खबर दी है. उनका आरोप है कि इलाके के बीडीओ को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है.

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने उत्तर भारत में बड़ी संख्या में एक जगह से दूसरी जगह ले जाई जा रही ईवीएम पर चुनाव आयोग से सवाल किया है. उन्होंने ट्वीट में कहा कि आयोग इस मामले में में जल्द से जल्द स्पष्टीकरण दे.


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