पूरी तरह से पलट चुके हैं उत्तर पूर्व के राजनीतिक समीकरण


Completely reversed political equations of the northeast

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उत्तर पूर्वी राज्य मिजोरम से आ रहे नतीजों से एक बात साफ हो गई है कि मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) सरकार बनाने जा रही है. उत्तर पूर्व के आठ राज्यों में यह एक मात्र राज्य था जहां कांग्रेस की सरकार थी.

इसके साथ ही इस क्षेत्र के राजनीतिक समीकरणों में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है. पर्दे के पीछे से ही सही बीजेपी पूर्वोत्तर में सेंध लगाने में कामयाब हो गई है. वो इस तरह से हुआ कि बीजेपी नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस यानि की नीडा का हिस्सा है.

नीडा मिजोरम को छोड़ पूर्वोत्तर के सभी सातों राज्यों में शासन में है. मिजोरम में एमएनएफ की सरकार बनने जा रही है और एमएनएफ भी नीडा का हिस्सा है. इस तरह से पीछे के दरवाजे से ही सही, लेकिन बीजेपी की सरकार में एंट्री हो जाएगी.

1987 में मिजोरम को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद से पहली बार बीजेपी इस राज्य में एक सीट जीतने में भी कामयाब हो गई है. अब देखना यह होगा कि उसके विधायक को सरकार में कोई जगह मिलती है या नहीं.

मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट 26 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. इसके बाद सबसे अधिक सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों को मिली है. चुनाव आयोग के मुताबिक कांग्रेस को पांच और बीजेपी को एक सीटें मिली हैं.

एमएनएप को विधानसभा चुनाव में कुल 37.6 फीसदी वोट (2 लाख 37 हजार 305)  मिले हैं. कांग्रेस को  190412 वोटों के साथ 30.02 फीसदी वोट मिले हैं. इस लिहाज से कांग्रेस को जबरदस्त घाटा हुआ है.


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