पीएमओ के इशारे पर हुआ जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग : कांग्रेस


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कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग किए जाने को लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक की कड़ी आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा. कांग्रेस ने इसे देश के संविधान के साथ खिलवाड़ बताया है.

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल ने जिस तरह के असंवैधानिक अनैतिक और अनुचित कार्य को अंजाम दिया है हम उसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल ने भारत के संविधान के साथ खिलवाड़ किया है. यह सीधा-सीधा प्रधानमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय के इशारे पर हुआ है.’’

पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस में गठबंधन बनने की अटकलों के बीच राज्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर की विधानसभा भंग कर दी है. राज्य में पीडीपी और भाजपा गठबंधन टूटने के बाद राज्यपाल शासन लागू है जिसकी छह महीने की अवधि 19 दिसंबर को पूरी हो रही है.

तिवारी ने कहा, ‘‘हम जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल से पूछना चाहते हैं कि छह महीने पहले जब पीडीपी और भाजपा गठबंधन की सरकार थी तब भाजपा ने अपना समर्थन वापस लिया उस समय विधानसभा क्यों नहीं भंग की गयी?’’

तिवारी ने कहा कि बीजेपी ने पिछले पांच-छह महीने में अलग-अलग राजनीतिक दलों के विधायकों को तोड़ने और लुभाने की पूरी कोशिश की लेकिन उसका यह षड्यंत्र पूरी तरह विफल रहा. यह स्पष्ट हो गया कि बीजेपी को कोई राजनीतिक दल, कोई विधायक समर्थन देने को तैयार नहीं है.

उन्होंने कहा कि कुछ विधायकों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से लोकप्रिय सरकार बनाने की पहल की. पीडीपी, नेशनल कांफ्रेस और कांग्रेस ने साथ आने का फैसला लिया. इसकी सूचना जैसे ही राज्यपाल को दी गई उन्होंने आनन फानन में छह महीने से निलंबित विधानसभा को भंग कर दिया.


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