लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी में बंगाल कांग्रेस


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2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई अकेले चुनाव लड़ना चाहती है, जबकि लोकसभा चुनावों में बीजेपी को शिकस्त देने के लिए कांग्रेस देश के दूसरे हिस्सों में अलग-अलग क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर रही है.

पश्चिम बंगाल कांग्रेस कमेटी (डब्ल्यूबीपीसीसी) के अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने बताया कि राज्य में अकेले चुनाव लड़ने को लेकर अपने विचार उन्होंने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने रख दिए हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर अंतिम फैसला अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का नेतृत्व करेगा.

अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में जाने से कांग्रेस को पहले ही झटका लग चुका है.

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उसकी बंगाल इकाई का मानना है कि माकपा या तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन पार्टी के लिए ‘‘दीर्घकालिक’’ हित में नहीं होगा और इस तरह की संभावना राज्य में भविष्य में सिर्फ पार्टी के आधार को खत्म करेगी. हालांकि कांग्रेस ने क्षेत्रीय पार्टियों जद (एस) और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में सफलता का स्वाद भी चखा.

सोमेन मित्रा ने कहा, ‘‘पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ अपनी बैठक के दौरान मैंने साफ तौर पर उनसे कहा कि अच्छा होगा अगर हम अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ें. संभव है हम कई सीटें नहीं जीत पाएं लेकिन भविष्य में हमारी पार्टी का बंगाल में अस्तित्व बना रहेगा.’’

उन्होंने बताया, ‘‘तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के बाद संभव है कि हम अधिक सीटें जीतें, लेकिन इससे यही सुनिश्चित होगा कि कांग्रेस का बंगाल में अस्तित्व खत्म हो जाएगा क्योंकि तृणमूल हमारे विधायकों और निर्वाचित प्रतिनिधियों को फंसाने की जुगत में है.’’

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम देश में बीजेपी को हराने के लिए अलग-अलग राज्यों में गठबंधन की बात कह रहे हैं.

राज्य के कांग्रेस नेताओं के अनुसार माकपा नेतृत्व वाले वाम मोर्चा के साथ गठबंधन करने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा और इससे सीटें जीतना भी सुनिश्चित नहीं होगा क्योंकि वाम दल खुद राज्य में अपनी जड़ बचाने की जद्दोजहद में है.


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