करतारपुर कॉरिडोर: भारत-पाकिस्तान के बीच सहमति


consensus between the india pakistan to start the kartarpur corridor

 

गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर शहर से जोड़ने वाला गलियारा बनाने को लेकर आज यानी 14 मार्च को बैठक हुई. यह बैठक भारतीय सीमा के अंतर्गत अटारी के इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) पर आयोजित हुई. यह बैठक संबंधों में बढ़े तनाव के बीच पाकिस्तान के करतारपुर शहर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर शहर से जोड़ने वाला गलियारा बनाने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के उद्देश्य से भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच हुई.

बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव एससीएल दास ने किया जबकि पाकिस्तानी टीम की अगुवाई पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के डीजी (दक्षिण एशिया और दक्षेस) डॉ. मोहम्मद फैसल ने की.

बातचीत के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि दोनों पक्षों ने परियोजना के विभिन्न पहलुओं और प्रावधानों को लेकर विस्तृत और रचनात्मक बातचीत की और करतारपुर साहिब गलियारे को जल्द चालू करने की दिशा में काम करने पर सहमति जताई.

तीर्थयात्रियों को करतारपुर गलियारे का उपयोग करते हुए गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जाने की सुविधा मुहैया कराने की परियोजना के तौर-तरीकों और मसौदा समझौते पर चर्चा के लिये यह बैठक रखी गई थी.

भारत ने पाकिस्तान से मांग की है कि वह करतारपुर स्थित ऐतिहासिक गुरूद्वारे तक जाने के लिए प्रतिदिन 5,000 श्रद्धालुओं को वीजा मुक्त प्रवेश की सुविधा दे.गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव एस सी एल दास ने संवाददाताओं से कहा, “हमारी तरफ से हमने शुरुआती चरण में कम से कम 5,000 श्रद्धालुओं को प्रतिदिन पवित्र गुरुद्वारा जाने की अनुमति देने की मांग की है.”

पुलवामा आतंकवादी हमले और फिर जवाबी हवाई हमले के बाद बढ़े तनाव के बाद से यह भारतीय एवं पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच हुई पहली मुलाकात है.

दास ने बताया कि भारत ने भारतीयों एवं भारतीय मूल के लोगों दोनों के लिए गुरुद्वारे तक पहुंच की मांग की है. भारत ने इस बात पर जोर दिया कि गलियारा में आवाजाही पूरी तरह वीजा मुक्त होनी चाहिए.साथ ही दास ने कहा, “किसी दस्तावेज या प्रक्रिया के रूप में अन्य कोई बाधा नहीं होनी चाहिए.”

भारत यह भी चाहता है कि पाकिस्तान उन श्रद्धालुओं को भी गुरुद्वारे आने की अनुमति दे जो वहां पैदल जाना चाहते हैं.

पिछले साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब को गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक से जोड़ने के लिए करतारपुर गलियारे का निर्माण करने पर सहमत हुए थे. गुरुद्वारा दरबार साहिब में सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानकदेव ने अपना अंतिम समय व्यतीत किया था.

करतारपुर साहिब पाकिस्तान में पंजाब के नरोवाल जिले में है. रावी नदी के दूसरी ओर स्थित करतारपुर साहिब की डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से दूरी करीब चार किमी है.

बयान में कहा गया, ‘‘दोनों पक्षों ने विभिन्न पहलुओं और प्रस्तावित समझौते के विभिन्न प्रावधानों पर विस्तृत और रचनात्मक बातचीत की और करतारपुर साहिब गलियारे को तेजी से चालू करने की दिशा में काम करने पर सहमति जताई.’’

अगली बैठक दो अप्रैल को वाघा में आयोजित की जाएगी.और इससे पहले 19 मार्च को प्रस्तावित जीरो प्वाइंट पर तकनीकी विशेषज्ञों की बैठक होगी, जिसमें गलियारे के एलाइनमेंट को अंतिम रूप दिया जाएगा.


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