कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ने की दर अपेक्षाकृत स्थिर: स्वास्थ्य मंत्रालय


Central minister accepts lack of system in Muzaffarpur district hospital

 

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण के समुदाय स्तर पर फैलने का कोई पुष्ट प्रमाण नहीं मिला है और संक्रमण जिस दर से बढ़ रहा है उससे यह लगता है कि यह अपेक्षाकृत स्थिरता की प्रवृत्ति है.

साथ ही मंत्रालय ने यह भी कहा कि ताजा आंकड़ों से किसी स्पष्ट प्रवृत्ति का पता नहीं चलता है और सरकार किसी भी सूरत में, किसी भी स्तर पर इसे लेकर शिथिल नहीं है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि गुरुवार तक देश में 16 लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हुई है वहीं इस वायरस से संक्रमण के अभी तक कुल 694 मामले सामने आए हैं. मंत्रालय ने बताया कि आज देश में कोरोना वायरस संक्रमण के करीब 90 नए मामले आए हैं.

आंकड़ों के अनुसार, देश में फिलहाल 633 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण के लिए इलाज चल रहा है, वहीं 44 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गयी है. वहीं एक व्यक्ति दूसरी जगह चला गया है. जबकि 16 लोगों की मौत हो चुकी है.

कोरोना वायरस से जुड़े हालात पर मीडिया को जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, ”कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में वृद्धि हो रही है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि अपेक्षाकृत रूप से यह स्थिर है या फिर जिस दर से यह बढ़ रहा था, उसमें कुछ कमी भी है.”

उन्होंने कहा, ”ताजा आंकड़ों से किसी स्पष्ट प्रवृत्ति का पता नहीं चलता है और सरकार किसी भी सूरत में, किसी भी स्तर पर इसके लेकर शिथिल नहीं है.”

अग्रवाल ने कहा कि मंत्रालय को आशा है कि वह सामाजिक मेलजोल में कमी लाकर (सोशल डिस्टेंसिंग अपनाकर), जिनमें संक्रमण की पुष्टि हुई है उनसे मिलने वाले लोगों का पता लगाकर और यह सुनिश्चत करके कि भी अपने-अपने घरों में पृथक रहें, कोरोना वायरस को फैलने से रोक पाएंगे.

लेकिन, साथ-ही-साथ चेतावनी देते हुए अग्रवाल ने कहा कि अगर समुदाय और सरकार ने मिलकर काम नहीं किया और सामाजिक मेलजोल को कम करने, घर में पृथक रहने और इलाज कराने जैसे तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया तो इस संक्रमण का समुदाय स्तर पर प्रसार का चरण शुरू हो जाएगा.

उन्होंने जनता से अनुरोध किया कि वे प्रधानमंत्री द्वारा घोषित लॉकडाउन का समर्थन करें. उन्होंने कहा कि इस वायरस से संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने को तोड़ने में सामाजिक मेलजोल में कमी प्रभावी साबित हो सकती है, लेकिन यदि एक भी व्यक्ति इसका पालन नहीं करता है तो सबके प्रयासों पर पानी फिर जाएगा.

अग्रवाल ने कहा, ”लॉकडाउन को लागू करने के लिए लोगों के सतत सहयोग की आवश्यकता है.”

हैदराबाद और राजस्थान के भीलवाड़ा में आए मामलों पर टिप्पणी करते हुए आईसीएमआर में महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के प्रमुख रमण आर. गंगाखेडकर ने कहा, ”एक या दो मामलों पर हम यह नहीं कह सकते हैं कि यह समुदाय के स्तर पर संक्रमण का प्रसार है. और हमें यह क्यों छुपाना चाहिए कि समुदाय के स्तर पर संक्रमण का प्रसार हुआ है.”

अग्रवाल ने कहा, ”अभी तक यह कहने के लिए कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार समुदाय के स्तर पर हो रहा है.”

उन्होंने कहा कि 17 राज्यों ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए पूरी तरह समर्पित अस्पताल चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया है.

उन्होंने इस बात से भी इंकार किया कि यह वायरस मच्छरों के जरिए फैलता है.

अग्रवाल ने बताया कि देश भर में करीब 64,411 लोगों को निगरानी में रखा गया है. इनमें से 8,300 लोगों को पृथक केन्द्रों में रखा गया है जबकि बाकी लोग अपने-अपने घरों में पृथक रह रहे हैं.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें उन लोगों की निगरानी कर रही हैं जो लोग यात्रा प्रतिबंध लगने से पहले विदेशों से लौटे हैं.

आम लोगों को आश्वासन देते हुए अग्रवाल ने कहा कि भारत कोरोना वायरस संक्रमण की चुनौती से निपटने के लिए तैयार है.

वहीं गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यात्रा प्रतिबंधों के संबंध में मंत्रिसमूह की बैठक में चर्चा हुई और उसे जल्दी ही जनता को बता दिया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार की रात बेहद भावुक अपील में 21 दिन लंबे राष्ट्रव्यापी सम्पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की थी.


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