कोर्ट ने मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश के लिए दायर याचिका पर सुनवाई स्थगित की


sc ask mp speaker to take decision on resignation of rebel legislators

 

सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं को प्रवेश की अनुमति के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई ‘अलग कारण’ से स्थगित कर दी.

प्रधान न्यायाधीश-मनोनीत जस्टिस एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कोई कारण बताए बगैर ही कहा, ‘अन्य कारण से इसे 10 दिन के लिए स्थगित कर रहे हैं.’

न्यायमूर्ति बोबडे उस पांच सदस्यीय संविधान पीठ के सदस्य हैं जिसने राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद की सुनवाई की थी और जिसे इस मामले में 17 नवंबर तक अपना निर्णय सुनाना है.

पीठ ने कहा कि पुणे निवासी यासमीन जुबेर अहमद पीरजादा और जुबेर अहमद नजीर अहमद पीरजादा की जनहित याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिये कुछ प्रतिवादियों ने चार सप्ताह का वक्त मांगा है.

इस याचिका में कहा गया है कि मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी ‘असंवैधानिक’ है और इससे संविधान में प्रदत्त जीने के अधिकार, समता और लैंगिक न्याय के अधिकारों का हनन होता है.

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, कानून मंत्रालय और राष्ट्रीय महिला आयोग को पांच नवंबर तक अपने जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए थे.

कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य बोर्ड ऑफ वक्फ, सेन्ट्रल वक्फ काउन्सिल और आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को याचिका की प्रतियों के साथ नोटिस देने का निर्देश दिया था.


ताज़ा ख़बरें