कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को दस करोड़ रुपये जमा कराने पर विदेश यात्रा की अनुमति दी


Court allows Karti Chidambaram to travel abroad for depositing Rs 10 crore

 

सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को यहां सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल के पास जमानत के रूप में दस करोड़ रूपए बतौर जमानत जमा करने के बाद मई-जून में अमेरिका, जर्मनी और स्पेन जाने की मंगलवार को इजाजत दे दी.

कार्ति चिदंबरम, जिनके खिलाफ आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस मामलों में जांच चल रही है, ने ‘टोटस टेनिस लिमिटेड’ द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय टेनिस टूर्नामेन्ट के लिए अमेरिका, जर्मनी और स्पेन जाने के लिए शीर्ष अदालत से अनुमति मांगी थी.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कार्ति चिदंबरम को विदेश यात्रा की अनुमति दी क्योंकि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध नहीं किया.

पीठ ने कहा कि कार्ति चिदंबरम को उन्हीं शर्तो पर विदेश जाने की अनुमति दी जाती है जो इससे पहले उनकी विदेश यात्रा के दौरान लगाई गई थीं. पीठ ने कहा कि कार्ति को शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल के पास जमानत के रूप में दस करोड़ रुपये जमा कराने होंगे.

कार्ति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता केवी विश्वनाथन ने कहा कि पिछली बार जमा कराए गए दस करोड़ रुपये की धनराशि अभी भी उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री के पास ही है.

इस पर पीठ ने कहा, “हमें नहीं लगता कि आपको दोबारा दस करोड़ रुपये जमा कराने में किसी प्रकार की परेशानी होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 30 जनवरी को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को उच्चतम न्यायालय के सेक्रेटरी जनरल के यहां दस करोड़ रुपये जमा कराने के बाद विदेश जाने की अनुमति दी थी. साथ ही उन्हें आगाह किया था कि अगर उन्होंने आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस मामलों की जांच में सहयोग नहीं किया तो उनके साथ सख्ती की जाएगी.

न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर कार्ति को एक लिखित आश्वासन दाखिल करने का निर्देश दिया था जिसमें उनकी उड़ानों का विवरण और भारत लौटने की तारीख हो.

जांच एजेंसी ने इससे पहले विदेश जाने के लिये कार्ति के आवेदन का विरोध किया था और कहा था कि वह सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं और जांच में सहयोग भी नहीं कर रहे हैं जिसकी वजह से जांच पूरी होने में विलंब हो रहा है. जांच एजेंसी ने न्यायालय से कहा था कि पिछले छह महीने में कार्ति चिदंबरम 51 दिन विदेश रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 18 सितंबर को कार्ति को 20-30 सितंबर तक ब्रिटेन जाने की अनुमति प्रदान की थी.

कार्ति के खिलाफ अनेक आपराधिक मामलों में प्रवर्तन निदेशालय और केन्द्रीय जांच ब्यूरो जांच कर रहा है. इसमें आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के प्रस्ताव को विदेशी निवेश संर्वद्धन बोर्ड की मंजूरी से संबंधित मामला भी शामिल है.

आईएनएक्स को जब इसकी मंजूरी दी गयी थी तो कार्ति के पिता पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे.


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