राजीव गांधी हत्याकांड: सजा काट रहे मुरुगन पर लगी रोक अदालत ने हटाई


court dismissed prohibition imposed on murugan in rajiv gandhi murder case

 

मद्रास उच्च न्यायालय ने राजीव गांधी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे मुरुगन पर जेल प्राधिकरण की ओर से लगाई गईं पाबंदियों को खत्म कर दिया. इसके तहत मुरुगुन पर तीन महीने तक अपनी पत्नी और इस मामले में एक अन्य दोषी नलिनी और परिवार के अन्य सदस्यों से मिलने पर पाबंदी लगी हुई है.

हाल ही में वेल्लोर जेल में मुरुगन की कोठरी की जांच के दौरान कथित रूप से एक मोबाइल फोन और चाकू मिलने के बाद उस पर पाबंदिया लगाई गई थीं. हालांकि न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति आरएमटी टीका रमण ने पाबंदी लगाए जाने के कारण को कानून की नजर में टिकाऊ नहीं माना.

अदालत ने मुरुगन को खंड दो में स्थानांतरित करने के जेल प्राधिकरण के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया, जहां मोबाइल फोन जैमर लगा हुआ है.

उन्होंने कहा, ‘हम अभियोजन पक्ष की दलीलों से सहमत हैं कि उसे दूसरे ब्लॉक में स्थानांतरित करने का निर्णय सुरक्षा कारणों और बेहतर प्रशासन के मद्देनजर लिया गया है. ऐसा नहीं है कि याचिकाकर्ता वहां अकेला है क्योंकि खंड में 13 अन्य कैदी भी हैं.’

मुरुगन की संबंधी थेनमोझी ने याचिका दायर करते हुए कहा था कि मुरुगन को 19 अक्टूबर से एकांत कारावास में रखा गया है. उन्होंने मुरुगन पर लगे प्रतिबंध हटाने की भी मांग की थी.


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