पानसरे हत्या मामला: अदालत ने सीआईडी की जांच रिपोर्ट पर नाराजगी जताई


court expresses displeasure over govind pansare cid report in pansare death case

 

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि वह भाकपा नेता गोविंद पानसरे हत्या मामले में महाराष्ट्र सीआईडी की विशेष जांच टीम (एसआईटी) की ओर से पेश की गई जांच रिपोर्ट से नाखुश हैं.

जस्टिस एससी धर्माधिकारी और जस्टिस जीएस पटेल की पीठ ने कहा कि एसआईटी की रिपोर्ट में ऐसे किसी ‘‘स्वतंत्र कदम’’ का जिक्र नहीं है जो उसने जांच के दौरान उठाया हो. पीठ ने कहा कि ‘‘चीजें आगे नहीं बढ़ रही हैं.’’

पीठ पानसरे और तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर के परिजनों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई कर रही थी जिनमें अनुरोध किया गया है कि उनकी हत्याओं की जांच अदालत की निगरानी में हो.

अदालत ने कहा कि वह महसूस करती है कि कोल्हापुर में बाढ़ के कारण पिछले कुछ हफ्तों के दौरान संबंधित अधिकारी कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं कर सके और यही कारण है जिसकी वजह से उसने कोई आलोचनात्मक आदेश देने से परहेज किया है.

पीठ ने कहा, ‘‘ जांच अधिकारी इस रिपोर्ट में किसी भी स्वतंत्र कदम को बताने में विफल रहे है. एसआईटी ने जो भी कहा है, वह अन्य मामलों में (तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या) जांच पर आधारित है.’’

पीठ ने कहा, ‘‘हमें अपनी अप्रसन्नता जतानी चाहिए. चीजें आगे नहीं बढ़ रही हैं. हम केवल क्षेत्र में लगातार बारिश की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर अधिकारी के खिलाफ आलोचनात्मक आदेश पारित करने से परहेज कर रहे हैं. लेकिन हमें उम्मीद है कि एसआईटी अगली बार बेहतर और व्यापक रिपोर्ट सौंपेगी.’’

इससे पहले, सुनवाई के दौरान, सीबीआई ने अपनी जांच की प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश की. सीबीआई दाभोलकर मामले की जांच कर रही है.

पीठ ने सुनवाई अगले महीने के लिए स्थगित कर दी है.

दाभोलकर की पुणे में 20 अगस्त 2013 को हत्या कर दी गई थी. वह उस समय सुबह की सैर कर रहे थे.

पानसरे को 16 फरवरी 2015 को कोल्हापुर में गोली मार दी गई थी और 20 फरवरी को उनकी मौत हो गई थी.


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