अदालत की निगरानी में जांच वाले मामलों में बेहतर परिणाम सामने आए हैं: जस्टिस चंद्रचूड़


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सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़ ने पहलू खान मामले में सभी आरोपियों को बरी किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे मामले जिनकी जांच अदालत की निगरानी में हुई है, उनमें बेहतर परिणाम सामने आए हैं.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने एक कार्यक्रम में कहा,”हम यह लगातार देख रहे हैं. एक जस्टिस के लिए सबसे बड़ी मुसीबत यह है कि उसके समक्ष जिस तरह से सबूत पेश किया जाता है उसी मुताबिक उसे निर्णय करना होता है.”

पहलू खान लिंचिंग मामले में सभी आरोपियों को बरी किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, “पुलिस द्वारा की गई अपर्याप्त जांच होने के कारण तब ऐसा होता है जब आरोपी बरी होने का कारण बनते हैं.”

गौरतलब है कि राजस्थान की एक अदालत ने पहलू खान की पीट-पीट कर हत्या किए जाने के मामले में सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया था. यह सब पुलिस जांच में बेहद खामी के चलते संदेह के लाभ के कारण हुआ.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, “ऐसे मामलों में जहां उचित स्तर पर अदालतों से संपर्क किया गया और जांच की निगरानी संभव हो सकी, उनमें बेहतर परिणाम सामने आए हैं.”

उन्होंने कठुआ बलात्कार मामले का उदाहरण पेश किया जहां सुप्रीम कोर्ट ने अनेक ऐसे कदम उठाए कि जांच प्रभावित नहीं हो.

हालांकि उन्होंने कहा कि “अदालत की निगरानी में जांच के मामले सीमित होते हैं. वह ‘इमैजिनिंग फ्रीडम थ्रू आर्ट’ पर व्याख्यान दे रहे थे. उन्होंने कहा कि आजादी उन लोगों के खिलाफ जहर उगलने का जरिया बन गई है जो अलग तरह से सोचते-विचारते हैं, बोलते हैं, खाते हैं, पहनते हैं और अलग नजरिया रखते हैं.”

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, “खतरा तब पैदा होता है जब आजादी को दबाया जाता है.”


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