कोर्ट का चिन्मयानंद मामले में पीड़ित छात्रा की गिरफ्तारी पर रोक से इंकार


abduction case registered against ex minister swami chinmayanand

 

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के मामले में अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग वाली शाहजहांपुर की पीड़ित छात्रा की अर्जी पर किसी भी तरह की राहत देने से सोमवार को इनकार कर दिया.

उधर, शुक्रवार को गिरफ्तार हुए चिन्मयानंद को सोमवार को शाहजहांपुर जेल से लखनऊ के एक अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी हृदय संबंधी समस्याओं के लिये एंजियोग्राफी की गई.

मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सीलबंद लिफाफे में दो न्यायाधीशों की पीठ को अपनी रिपोर्ट सौंपी.

न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति रानी चौहान की पीठ ने इस मामले में अब तक की जांच पर संतोष जताया और आगे की रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 22 अक्टूबर, 2019 की तारीख तय की.

चिन्मयानंद से कथित तौर पर जबरन वसूली का प्रयास करने को लेकर एसआईटी के उसके खिलाफ मामला दर्ज करने और तीन लोगों को गिरफ्तार करने के बाद पीड़ित छात्रा ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी.

हालांकि, अदालत ने कहा, “यदि पीड़ित छात्रा इस संबंध में कोई राहत चाहती है तो वह उचित पीठ के समक्ष नई याचिका दायर कर सकती है.”

अदालत ने कहा, “यह पीठ इस मामले में केवल जांच की निगरानी करने के लिए नामित की गई है और गिरफ्तारी के मामले में रोक लगाने का कोई आदेश पारित करना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है.”

इस मामले की सुनवाई के समय पीड़ित छात्रा भी अदालत में मौजूद थी.

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय को निर्देश दिया था कि वह मामले की जांच की निगरानी करे. उत्तर प्रदेश सरकार ने शीर्ष अदालत के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया था.

इस बीच,चिन्मयानंद को सोमवार को इलाज के लिए लखनऊ के एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया, जहां उनकी ‘एंजियोग्राफी’ की गई. उनके हृदय की धमनियों में कोई अवरोध (ब्लॉकेज) नहीं पाया गया.

संजय गांधी पीजीआई के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अमित अग्रवाल ने कहा, “सीने में दर्द और कम रक्तचाप की शिकायत के बाद उन्हें (चिन्मयानंद को) सोमवार सुबह साढे़ ग्यारह बजे भर्ती कराया गया. उनके हृदय की एंजियोग्राफी और अन्य परीक्षण किए गए. उनके हृदय (की धमनियों) में कोई भी ब्लॉकेज नहीं पाया गया, इसलिये उनकी एंजियोप्लास्टी की कोई जरूरत नहीं है।”

डॉ अग्रवाल ने कहा, “चार पांच दिन के इलाज के बाद उनकी एक बार फिर जांच की जाएगी. वह अभी चार-पांच दिन पीजीआई के एमआईसीयू:मेडिकल इंटेसिव केयर यूनिट में भर्ती रहेंगे. डाक्टरों की एक टीम उनके स्वास्थ्य की लगातार निगरानी करेगी. उनकी हालत फिलहाल स्थिर है.”

गौरतलब है कि शाहजहांपुर स्थित स्वामी सुखदेवानंद विधि महाविद्यालय की एलएलएम की एक छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो पोस्ट कर चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाए थे. बाद में मीडिया के समक्ष उसने चिन्‍मयानंद पर बलात्‍कार का आरोप लगाया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित एसआईटी प्रकरण की जांच कर रही है.


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