कोर्ट ने पाकिस्तानी नागरिक के बच्चों को प्रवेश नहीं देने पर जवाब तलब किया


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दिल्ली हाई कोर्ट ने एक पाकिस्तानी नागरिक के तीन बच्चों को यहां के सरकारी स्कूल में दाखिला देने से मना करने के मामले में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार से जवाब तलब किया है.

जस्टिस राजीव शकधर ने दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को नोटिस जारी कर याचिका का जवाब देने को कहा. निदेशालय दिल्ली में स्कूलों का संचालन करता है.

याचिका दायर करने वाले पाकिस्तानी नागरिक ने दावा किया है कि अन्यायपूर्ण तरीके से उसके बच्चों को प्रवेश देने से मना किया गया.

गुलशेर इसी साल मई में अपने परिवार के साथ पाकिस्तान से भारत आया था और उसने 2016 में दिल्ली सरकार की ओर से जारी परिपत्र को चुनौती दी है जिसमें सरकारी स्कूलों की विभिन्न कक्षाओं में प्रवेश के लिए अधिकतम उम्र तय की गई है.

कोर्ट ने मामले की दोबारा सुनवाई के लिए 17 अक्टूबर की तारीख तय की है.

यह याचिका वकील अशोक अग्रवाल के जरिए दायर की गई है जिसमें कहा गया कि तीन बच्चों (एक लड़की और दो लड़के) का पांच जुलाई को नौवीं कक्षा में पंजीकरण हुआ और उन्हें आठ जुलाई से 14 सितंबर तक कक्षाओं में बैठने की अनुमति दी गई इसके बाद उन्हें ‘असम्मानजनक’ तरीके से स्कूल से निकाल दिया गया.

याचिका में कहा गया कि सरकार एवं स्कूल की कार्रवाई या निष्क्रियता असंवैधानिक, मनमाना, भेदभाव वाला और संविधान में दिए शिक्षा के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.

पिता ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह दिल्ली सरकार को उनके तीनों बच्चों को छतरपुर के भाटी माइन्स स्थित स्कूल में प्रवेश देने के लिए निर्देश जारी करे.

उन्होंने 2016 में जारी दिल्ली सरकार के परिपत्र को भी रद्द करने की मांग की है.


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