बीजेपी को हटाने के संकल्प के साथ माकपा ने जारी किया घोषणापत्र


cpm issued statement on ayodhya verdict

 

भारत की कम्युनिष्ट पार्टी(मार्क्सवादी) ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपना चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिया है.

घोषणापत्र को सीताराम येचुरी, बृन्दा करात, प्रकाश करात, नीलोत्पल बसू, हन्नान मोल्लाह और सुभाषिनी अली की मौजूदगी में जारी किया गया. केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व में चल रही एनडीए सरकार को सत्ता से हटाने का प्रण लिए इस घोषणापत्र की प्रमुख बातें इस प्रकार से हैं:-

इस घोषणापत्र में मुख्यत: तीन बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है. पहला, एनडीए को सत्ता से हटाना. दूसरा, माकपा और लेफ्ट को मजबूत बनाना और तीसरा, केंद्र में एक सेक्युलर सरकार की मौजूदगी सुनिश्चित करना.

माकपा का यह घोषणापत्र यह प्रण लेता है कि वह संविधान में वर्णित सभी सेक्युलर और जनतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करेगा.

यह घोषणापत्र यह वादा करता है कि किसानों को लागत से कम से कम दोगुने मूल्य पर उत्पाद बेचने का अधिकार देगा.

यह घोषणापत्र कहता है कि मजदूरों को 18,000 रुपये प्रति महीना न्यूनतम वेतन दिया जाएगा.

माकपा के घोषणापत्र के अनुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रत्येक परिवार को दो रुपये प्रति किलो के हिसाब से हर महीने 35 किलो अनाज दिया जाएगा.

घोषणापत्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य को लेकर भी वादा किया गया है. घोषणापत्र कहता है कि निजी बीमा करवाने के साथ-साथ यह सार्वजनिक स्वास्थ्य पर जीडीपी का पांच फीसदी खर्च करेगा.

यह घोषणापत्र कहता है कि वह संसद और सभी विधानसभाओं में एक तिहाई महिला आरक्षण लागू करेगा. इसके साथ ऐसे कदम उठाएगा जिससे महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाली हिंसा खत्म हो जाए.

सार्वजनिक स्वास्थ्य की तरह सार्वजनिक शिक्षा को लेकर भी इस घोषणापत्र में बड़े वादे किए गए हैं. घोषणापत्र में कहा गया है कि सार्वजनिक शिक्षा पर जीडीपी का छह फीसदी खर्च किया जाएगा, माध्यमिक और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को ऊपर उठाया जाएगा. इसके साथ ही शिक्षा के सांप्रदायिककरण को खत्म कर इसके जनतांत्रिक चरित्र को बहाल किया जाएगा.

घोषणापत्र की कुछ अन्य मुख्य बातें:-

1. काम के संवैधानिक अधिकार को पहचाना जाएगा और बेरोजगारों को भत्ता दिया जाएगा.

2. वृद्धावस्था पेंशन को या तो न्यूनतम वेतन का आधा या फिर 6,000 रुपये प्रति महीने रखा जाएगा.

3. सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को रोका जाएगा. मुख्यत: रेलवे, रक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में जारी निजीकरण खत्म किया जाएगा.

4. दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के लिए निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू किया जाएगा.

5. अमीरों के ऊपर कर्ज बढ़ाया जाएगा. संपत्ति कर को वापस से लागू किया जाएगा और उत्तराधिकार कर को शुरू किया जाएगा.

6. लिंचिंग के खिलाफ कानून लाया जाएगा और सभी प्रकार की निजी गुंडावाहनियों को समाप्त किया जाएगा. महत्वपूर्ण जगहों पर बैठे संघ के लोगों को हटाया जाएगा.

7. आधार से लेकर इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को समाप्त किया जाएगा. चुनावी प्रक्रिया में स्टेट की तरफ से फंडिंग की व्यवस्था शुरू की जाएगी.

8. औपनिवेशिक समय के जनविरोधी कानूनों जैसे आफस्पा और राजद्रोह को समाप्त किया जाएगा. मृत्युदंड को भी समाप्त किया जाएगा.


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