शुक्रवार की नमाज के मद्देनजर कश्मीर में फिर से प्रतिबंध लागू


curfew like situation reimposed in kashmir due to muharram

 

कश्मीर के कई हिस्सों में शुक्रवार की नमाज के बाद हिंसा की आशंका के मद्देनजर एहतियातन तौर पर फिर से प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं.

जम्मू कश्मीर में सबसे पहले पांच अगस्त को प्रतिबंध लगाए गए जब केंद्र ने राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का फैसला किया. समय के साथ स्थिति में सुधार आने के चलते घाटी के कई हिस्सों से चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंध हटा लिए गए.

अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार की नमाज के मद्देनजर एहतियातन कदम के तौर पर श्रीनगर समेत कश्मीर के कुछ हिस्सों में पाबंदियां लागू कर दी गई हैं.

अधिकारी हर शुक्रवार को घाटी के संवेदनशील इलाकों में प्रतिबंध लागू कर रहे हैं. उन्हें आशंका है कि प्रदर्शनों को भड़काने के लिए बड़ी मस्जिदों और मदरसों में कुछ निहित स्वार्थ सभा को उत्तेजित कर सकते हैं.

घाटी में शुक्रवार को बंद के 33वें दिन भी सामान्य जनजीवन बाधित रहा.

अधिकारियों ने बताया कि बाजार और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं जबकि घाटी में सड़कों पर सार्वजनिक वाहन भी नदारद हैं.

पिछले कुछ हफ्तों के मुकाबले शुक्रवार को सड़कों पर कुछ निजी वाहन दौड़ते देखे गए.

राज्य सरकार की स्कूलों को खोलने की कोशिशें रंग नहीं लायी है क्योंकि माता-पिता सुरक्षा की आशंका के चलते अपने बच्चों को घर पर ही रखना चाहते हैं.

अधिकारियों ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन की कमी के कारण कई सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति बहुत कम है.

उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालयों में कार्यालयों में सामान्य उपस्थिति है.

इस बीच, केंद्र सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) का आठ सदस्यीय दल जम्मू कश्मीर गया और उसने राज्य प्रशासन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक की.

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि डीएआरपीजी सार्वजनिक सेवा प्रदान करने में सुधार करने और जम्मू कश्मीर में शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने समेत अन्य सुशासन पहलों के वास्ते सिविल सचिवालय में ई-कार्यालय लागू करने के लिए राज्य प्रशासन के साथ मिलकर काम करेगा.


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