महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर गतिरोध बरकरार


Deadlock over government formation in Maharashtra persists, Congress leaders meet with Sonia

 

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के आठ दिनों बाद भी सरकार गठन को लेकर चल रहा गतिरोध बरकरार है और इस बीच कांग्रेस के राज्य के वरिष्ठ नेता पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी के साथ दिल्ली में मंथन कर रहे हैं.

कांग्रेस ने बीजेपी पर शिवसेना को धोखा देने का आरोप भी लगाया है तो वहीं बीजेपी नेता सुधीर मुनगंतीवार ने शुक्रवार को कहा कि अगर राज्य में सात नवंबर तक नई सरकार नहीं बनती है तो यहां राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है.

महाराष्ट्र में राजनीतिक गतिरोध के बीच दिल्ली में सोनिया गांधी के आवास पर महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बैठक कर रहे हैं. इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वी राज चव्हाण, अशोक चव्हाण, प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट और वरिष्ठ नेता माणिक राव ठाकरे एवं विजय वडतीवार शामिल हैं.

सूत्रों का कहना है कि ये नेता सोनिया गांधी के साथ बीजेपी और शिवसेना के बीच गतिरोध की पृष्ठभूमि में कांग्रेस की आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे.

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान फिलहाल ‘देखो और इंतजार करो’ की रणनीति पर अमल करने के मूड में हैं.

महाराष्ट्र में चल रही सियासी सरगर्मी का पारा उस वक्त और बढ़ गया जब महाराष्ट्र के वित्त मंत्री और बीजेपी नेता मुनगंतीवार ने शुक्रवार को कहा कि अगर राज्य में सात नवंबर तक नई सरकार नहीं बनती है तो यहां राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार गठन में मुख्य बाधा शिवसेना की ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग है.

उनकी यह टिप्पणी तब आई है जब 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के आठ दिन बाद भी राज्य में सरकार गठन को लेकर कोई स्पष्ट स्थिति नहीं है.

मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल आठ नवंबर को समाप्त होगा.

सहयोगी बीजेपी के साथ सत्ता की साझेदारी को लेकर जारी गतिरोध के बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने पार्टी के रुख में किसी तरह की नरमी नहीं आने का संकेत देते हुए दो टूक कहा कि महाराष्ट्र में अगला मुख्यमंत्री उनकी पार्टी से होगा.

राउत ने यहां संवाददाताओं से कहा कि बीजेपी और शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर अब तक कोई बातचीत नहीं हुई है.

बीजेपी और शिवसेना में जारी सियासी रस्साकशी के बीच राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने शुक्रवार को कहा कि यदि बीजेपी और शिवसेना महाराष्ट्र में सरकार बनाने में विफल रहती हैं तो उनकी पार्टी विकल्प देने का प्रयास करेगी.

इससे पहले राकांपा के वरिष्ठ नेता अजीत पवार कह चुके हैं कि पार्टी कांग्रेस के साथ विपक्ष में बैठेगी.

कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने शुक्रवार को पार्टी नेताओं की आलोचना की जो महाराष्ट्र में अगली सरकार गठन के लिए शिवसेना को समर्थन पर विचार कर रहे हैं. यहां सत्ताधारी गठबंधन सत्ता में साझेदारी को लेकर उलझा हुआ है.

निरुपम ने कहा कि बीजेपी और उसकी सहयोगी शिवसेना के बीच चल रही जुबानी जंग कुछ और नहीं बल्कि ‘नाटक’ है और कांग्रेस को इससे दूर रहना चाहिए.

हाल में हुए विधानसभा चुनावों में 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी को 105 सीटें मिलीं जबकि शिवसेना के खाते में 56 सीटें आई हैं.

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी राज्य में ढाई साल के लिये मुख्यमंत्री पद और 50:50 के अनुपात में मंत्रालयों का बंटवारा चाहती है.

बीजेपी ने ये दोनों ही मांगें खारिज कर दी हैं और उसका कहना है कि देवेंद्र फडणवीस फिर से अगले पांच सालों तक मुख्यमंत्री के पद पर बने रहेंगे.


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