बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में सफदरजंग और एम्स में हड़ताल


according to survey 10 out of 7 doctors face violence

 

पश्चिम बंगाल में डॉक्टर की पिटाई के खिलाफ दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल और एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के डॉक्टर आज प्रदर्शन कर रहे हैं. बंगाल में प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का समर्थन करते हुए दोनों अस्पतालों के 3,500 से ज्यादा रेजिडेंट डॉक्टर आज हड़ताल पर हैं. जिसके चलते ओपीडी सहित सभी नियमित सेवाएं रद्द रहेंगी.

अधिकारियों ने बताया कि आपातकालीन विभाग और आईसीयू में वरिष्ठ डॉक्टर मौजूद रहेंगे.

सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर प्रकाश ठाकुर ने कहा, “सफदरजंग के आज करीब 1,600 रेजिडेंट डॉक्टर पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों के समर्थन में हड़ताल करेंगे. इसकी वजह से नियमित सेवाएं प्रभावित होंगी लेकिन आपातकालीन विभाग के मरीजों को पूरी सेवाएं दी जाएंगी.”

दोनों ही अस्पतालों में रोज लगभग 100 सर्जरी होती हैं, जो आज हड़ताल के चलते टाली जा सकती है. एक अधिकारी ने बताया कि महत्तव और मरीज की हालात को देखते हुए जरूरी ऑपरेशन आज पूरे किए जाएंगे.

एम्स और सफदरजंग रोजाना करीबन 20 हजार से ज्यादा मरीजों को सेवाएं देते हैं. इसमें 40 फीसदी आबादी पड़ोसी राज्यों से आने वाले मरीजों की होती है.

इस क्षेत्र में हुए अध्ययनों से पता चलता है कि भारत में लगभग 75 फीसदी डॉक्टर किसी न किसी तरह की हिंसा का सामना करते हैं.

इसके साथ दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने भी प्रशर्दनकारी डॉक्टरों को समर्थन देने का फैसला किया है. इस फैसले के चलते निजी अस्पतालों में भी आज हड़ताल का प्रभाव देखा जा सकता है.

फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए ) के बैनर तले आने वाले सभी सरकारी अस्पतालों ने 15 जून को हड़ताल पर जाने का फैसला किया है.

एफओआरडीए के अध्यक्ष सुमेध संदानशिव ने कहा,”हमने आज कैडल लाइट मार्च निकाला था. पर क्योंकि सरकारी अस्पताल में 14 जून को नियमित सेवाएं बंद रहेंगी ऐसे में हड़ताल से पहले हमें कम से कम 24 घंटे का नोटिस देना होगा, इसलिए हम 15 जून को हड़ताल करेंगे.”

वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने डॉक्टरों से संयम बरतने को कहा है. उन्होंने कहा, “डॉक्टर हमारे समाज का एक महत्तवपूर्ण स्तंभ हैं, जिन्हें अक्सर मुश्किल परिस्थितियों में काम करना पड़ता है. मैं मरीजों और स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले सभी कर्माचारियों से संयम बरतने की अपील करता हूं.”

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद भीड़ द्वारा अपने दो सहकर्मियों पर हमले के मद्देनजर डॉक्टर प्रदर्शन कर रहे हैं. हड़ताल के चलते नियमित सेवाएं रद्द रहीं, जिसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ा.

वहीं हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने कल दोपहर दो बजे तक काम पर लौटने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश को नहीं माना और कहा कि सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा संबंधी मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी.


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