जामिया के छात्रों की याचिका पर कोर्ट ने केंद्र, आप और पुलिस से मांगा जवाब


jilting a lover is not a crime says delhi high court

 

जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुई हिंसा में घायल एक छात्र की मुआवजे की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को केंद्र, आप सरकार और पुलिस से जवाब मांगा है.

मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ ने छात्र की याचिका पर केंद्र, आप और पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

याचिका में छात्र ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसकी दोनों टांगे तोड़ दी. उसका कहना है कि पुलिस की कार्रवाई के वक्त वह विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में पढ़ रहा था.

शायान मुजीब ने अधिवक्ता नबीला हसन के माध्यम से यह याचिका दायर करवाई है. इसमें उसने कहा है कि हिंसा में घायल होने के बाद से उपचार में वह अब तक दो लाख रुपये से अधिक खर्च कर चुका है.

इससे पहले एक अन्य छात्र मोहम्मद मिन्हाजुद्दीन ने याचिका दायर कर घटना की जांच करवाने और घटना में घायल होने के बाद उपचार में आए खर्च के एवज में मुआवजे की मांग की थी.

मिन्हाजुद्दीन ने याचिका में कहा कि घटना में उसकी एक आंख की रोशनी चली गई.

पिछले वर्ष 15 दिसंबर को जामिया के निकट सीएए के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक हो गया था. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया था और सरकारी बसों तथा निजी वाहनों को आग लगा दी थी.

बाद में पुलिस जामिया परिसर में घुसी, आंसू गैस के गोले छोड़े तथा छात्रों पर लाठीचार्ज किया था.

पुलिस की कार्रवाई में याचिकाकर्ताओं समेत कई छात्र घायल हो गए थे.


ताज़ा ख़बरें