दिल्ली हाई कोर्ट ने तीस हजारी अदालत झड़प मामले में लिया संज्ञान


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दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली की तीस हजारी अदालत में वकीलों और पुलिस के बीच झड़प पर केंद्र, दिल्ली पुलिस आयुक्त और मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए इस संबंध में उनसे जवाब मांगा है.

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल की अध्यक्षता में एक पीठ ने घटना को लेकर मीडिया में आई खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए झड़प में शामिल पुलिस अधिकारियों को अदालत में अपराह्न तीन बजे उपस्थित रहने का आदेश दिया. अदालत दिन में तीन बजे सुनवाई शुरू करेगी.

दिल्ली बार काउंसिल ने तीस हजारी अदालत में पुलिस के साथ झड़प के बाद आईसीयू में भर्ती दो वकीलों को रविवार को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की. साथ ही घायल अधिवक्ताओं को 50-50 हजार रुपये मुआवजा दिया जाएगा. तीस हजारी अदालत परिसर में पुलिस और वकीलों के बीच झड़प के संबंध में चार मामले दर्ज किये गये हैं.

दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि इस मामले में कथित रूप से शामिल एक एएसआई को निलंबित कर दिया गया है जबकि एक अन्य का तबादला कर दिया गया है. साथ ही मामले की जांच अपराध शाखा के विशेष जांच दल को सौंप दी गई है.

दोपहर साढ़े 12 बजे मुख्य न्यायाधीश ने जब हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीशों एवं दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक खत्म की तब उन्होंने मामले में तत्काल सुनवाई शुरू करने का फैसला किया.

अदालत ने कहा कि वह स्थिति को शांत करना चाहती है. बीती शाम को करीब चार घंटे तक न्यायाधीशों ने बैठक की और हालात को शांत करने के लिए वे सुबह से यहां मौजूद हैं.

अदालत ने दिल्ली बार काउंसिल और दिल्ली जिला अदालतों के सभी बार काउंसिल को नोटिस जारी किया.

अधिकारियों और चश्मदीदों के अनुसार तीस हजारी अदालत परिसर में शनिवार दोपहर वकीलों और पुलिस के बीच झड़प हो गयी जिसमें 10 पुलिसकर्मी और कई वकील घायल हो गये जबकि 17 वाहनों में तोड़फोड़ की गयी.

वकीलों का दावा है कि उनके चार सहकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से एक वकील पुलिस की गोली लगने से घायल हुआ है. वहीं, पुलिस ने गोलीबारी के आरोपों से इनकार किया है.

पुलिस ने कहा कि घायल पुलिसकर्मियों में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (उत्तरी जिला) हरेंद्र कुमार, कोतवाली एवं सिविल लाइंस के थाना प्रभारी और पुलिस उपायुक्त (उत्तरी) का ऑपरेटर शामिल हैं.


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