जेएनयू हिंसा: राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च कर रहे छात्रों पर पुलिस का लाठीचार्ज
जेएनयू कैंपस में हुई हिंसा के विरोध में विश्वविद्यालय के छात्रों की राष्ट्रपति भवन की ओर मार्च करने की कोशिश के दौरान पुलिस ने उन्हें रोका और बाद में हिरासत में ले लिया. पुलिस ने छात्रों के ऊपर लाठी चार्ज भी किया. करीब चार छात्रों को चोटें आई हैं.
हालांकि, कैंपस में हुई हिंसा के दौरान पुलिस नकाबपोश गुंडों को रोकने में पूरी तरह नाकाम रही, जबकि पुलिस उस दौरान कैंपस में मौजूद थी. वहीं कैंपस के बाहर पुलिस के सामने ही गुंडों ने स्वराज इंडिया प्रमुख योगेंद्र यादव और कई मीडिया कर्मियों के साथ बदसलूकी की. पुलिस इस मामले में अभी तक किसी नकाबपोश गुंडे को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. पुलिस के ऊपर यह भी आरोप है कि उसके सामने ही गुंडे उपद्रव करने के बाद कैंपस से निकल गए.
छात्रों के मार्च से पहले जेएनयू शिक्षक और छात्र संघ का एक प्रतिनिधिमंडल मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों से मिला और वाइस चांसलर जगदेश कुमार को हटाने की मांग की. मंत्रालय के सचिव ने कहा कि वाइस चांसलर को हटाना समस्या का हल नहीं है.
इसके ऊपर प्रतिक्रिया देते हुए जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष ने कहा कि वे मंत्रालय के जवाब से असंतुष्ट हैं.
इस पूरे मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री मुरली मनोहर जोशी की प्रतिक्रिया भी आई है.
उन्होंने ट्वीट करते हुए जेएनयू के वीसी को हटाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट्स के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दो बार जेएनयू के वीसी से फीस बढ़ोतरी को लेकर समझौतापूर्ण फॉर्मूला लागू करने की मांग की. वीसी से छात्रों और शिक्षकों से बात करने के लिए बी कहा गया. यह काफी हैरान करने वाला है कि वीसी ने सरकार के प्रस्ताव को लागू ना करने के लिए जिद्दी रवैया अपनाया. ऐसे वीसी को उसके पद से तुरंत हटा दिया जाना चाहिए.