दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने ट्रांसजेंडर विधेयक को ‘भयंकर’ बताया


Delhi Women's Commission President Swati Maliwal described the Transgender Bill as

 

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने ट्रांसजेंडर विधेयक के वर्तमान स्वरूप का विरोध किया है. उन्होंने विधेयक को भयंकर बताते हुए इसे स्टैंडिंग कमिटी के पास भेजने की मांग की है.

उन्होंने ट्वीट किया, “आज ट्रांसजेंडर बिल को जिस स्वरूप में पेश किया गया है वह भयंकर है. सजा को छह से दो साल तक करने से ट्रांसजेंडर समुदाय के बलात्कार को बढ़ावा मिलेगा. डीसीडब्लू ट्रांसजेंडर सेल लोकसभा को अपनी अनुशंसा करेगा.”

निचले सदन में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों की सुरक्षा) विधेयक 2019 विधेयक पेश किया. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 जुलाई को ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों की सुरक्षा) विधेयक 2019 को मंजूरी दी थी.

इस विधेयक को लाने के पीछे सरकार का मानना है कि इससे हाशिए पर खड़े इस वर्ग के विरूद्ध लांछन, भेदभाव और दुर्व्यवहार कम होने के साथ इन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने से अनेक ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को लाभ पहुंचेगा. इससे समग्रता को बढ़ावा मिलेगा और ट्रांसजेंडर व्यक्ति समाज के उपयोगी सदस्य बन जाएंगे.

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि ट्रांसजेंडर एक ऐसा समुदाय है जो सर्वाधिक हाशिये पर है क्योंकि वे ‘पुरुष’ या ‘स्त्री’ के लिंग के सामान्य प्रवर्गो में फिट नहीं होते हैं.

विधेयक में ट्रांसजेंडर व्यक्ति को परिभाषित करने, ट्रांसजेंडर व्यक्ति के विरूद्ध विभेद का निषेध करने तथा ट्रांसजेंडर व्यक्ति को उसी के रूप में मान्यता देने का अधिकार देने का प्रस्ताव किया गया है.

इसमें ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पहचान प्रमाणपत्र जारी करने के साथ जोर दिया गया है कि नियोजन, भर्ती, प्रोन्नति और अन्य संबंधित मुद्दों से संबंधित विषयों में किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति के विरूद्ध विभेद नहीं करेगा. प्रत्येक स्थापना में शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने तथा ट्रांसजेंडर व्यक्ति परिषद स्थापित करने एवं उपबंधों का उल्लंघन करने पर दंड देने का भी प्रावधान किया गया है.


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