कांंग्रेस नेता डीके शिवकुमार एक अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए


delhis rouse avenue court has sent congress leader dk shivakumar to judicial custody

 

दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने मनीलांड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार कर्नाटक कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार को एक अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

विशेष जस्टिस अजय कुमार कुहाड़ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को निर्देश दिया कि शिवकुमार को पहले अस्पताल ले जाया जाए और यह देखा जाए कि क्या चिकित्सक उन्हें वहां भर्ती करने का सुझाव देते हैं?

जांच एजेंसी (ईडी) ने अदालत में दावा किया कि उसकी जांच अभी पूरी होनी बाकी है और जस्टिस से न्यायिक हिरासत के दौरान शिवकुमार से पूछताछ करने की इजाजत मांगी हैं.

ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल(एएसजी) के.एम. नटराज ने अदालत से कहा कि शिवकुमार के स्वास्थ्य कारणों के चलते कारगर पूछताछ नहीं हो पाई है.

हालांकि, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने शिवकुमार की ओर से पेश होते हुए अदालत में दलील दी कि कांग्रेस विधायक की स्थिति बहुत गंभीर है और वह दिल का दौरा पड़ने के करीब पहुंच गए थे, इसलिए उन्हें जमानत दी जाए.

एएसजी ने कोर्ट से कहा कि कोर्ट के निर्देश के मुताबिक और शिवकुमार की बीमारी के चलते शिवकुमार को अस्पताल ले जाया गया, जिसके चलते पूछताछ जारी नहीं रह सकी थी.

सिंघवी ने आगे कहा कि शिवकुमार के पास से सिर्फ 41 लाख रुपये बरामद हुए थे और ना कि 8.5 करोड़ रुपये, जैसा कि ईडी ने आरोप लगाया था तथा अब अचानक ही यह आंकड़ा बढ कर 143 करोड़ रुपये हो गया है.

उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी पूर्वाग्रह से ग्रसित है और दुर्भावना रखे हुए है तथा वह जांच के बारे में अदालत के समक्ष झूठ बोल रही है.

सिंघवी ने कहा कि 317 बैंक खाते होने का एजेंसी का दावा मीडिया और लोगों के बीच शिवकुमार की बस छवि खराब करने के लिए है.

शिवकुमार का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी भी कर रहे हैं और उन्होंने कांग्रेस नेता की जमानत का अनुरोध करते हुए कहा कि वह सात बार से विधायक हैं और उनके देश छोड़ कर भागने का खतरा भी नहीं है.

रोहतगी ने कहा कि यह मामला दस्तावेजी साक्ष्य पर आधारित है और शिवकुमार को और अधिक हिरासत में रखने का कोई आधार नहीं है क्योंकि उनका कोई आपराधिक अतीत नहीं है.

उन्होंने आगे कहा कि यह जमानत देने का एक मामला है और अदालत शर्तें लगा सकती है। नहीं तो, फिर शिवकुमार को मेडिकल जमानत देने पर विचार किया जाए.

ईडी ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उसने शिवकुमार की मेडिकल स्थिति का ध्यान रखा है.

जांच एजेंसी ने यह आरोप भी लगाया कि धनशोधन शिवकुमार और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक खातों के जरिए हुआ.

शिवकुमार को ईडी ने धन शोधन के मामले में तीन सितंबर को गिरफ्तार किया था. हिरासत में पूछताछ की अवधि खत्म होने पर उन्हें अदालत में पेश किया गया था.


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