बोतल बंद पानी पर निर्भरता बढ़ी, हर चौथे परिवार को वाटर प्यूरीफायर पर भरोसा


Dependence on bottled water increased in cities, every fourth family depended on water purifiers

 

भारत में 12.2 फीसदी शहरी पीने के लिए बोतलबंद पानी पर भरोसा करते हैं. 10 साल पहले यह 2.7 फीसदी था. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय(एनएसओ) की हाल में जारी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है.

केन्द्र सरकार साल 2024 तक सभी घरों में नल का पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन की शुरुआत की है.

पाइप से घरों में पानी की आपूर्ति (40.9 फीसदी), यार्ड या प्लांट में पाइप से पानी की आपूर्ति (16 फीसदी) के बाद शहरी परिवारों में बोतलबंद पानी का इस्तेमाल(तीसरे नंबर पर) पीने के लिए सर्वाधिक होता है. साल 2018 के जुलाई से दिसंबर महीने के बीच एनएसओ की ओर से किए गए सर्वे में पता चला कि हर चौथा परिवार पीने का पानी के लिए वाटर प्यूरीफायर पर भरोसा करता है.

ग्रामीण क्षेत्रों में साल 2008 में 0.5 फीसदी परिवारों की तुलना में साल 2018 में चार फीसदी परिवारों ने बोतलबंद पानी का इस्तेमाल किया. एनएसओ के सर्वे में 18 जलस्रोतों को शामिल किया गया था.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक आंध्र प्रदेश(29.8 फीसदी) और तेलंगाना(28.7 फीसदी) में सर्वाधिक घरों में बोतलबंद पानी का इस्तेमाल हुआ. जबकि कर्नाटक में 21.3 फीसदी, पुडुचेरी में 20 फीसदी और दिल्ली में 14.1 फीसदी परिवारों ने बोतलबंद पानी का इस्तेमाल किया. इन राज्यों में पीने का पानी के लिए बोतलबंद पानी दूसरा सबसे बड़ा विकल्प बना.

रिपोर्ट में कहा गया है कि आमतौर पर बोतलबंद पानी को अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित माना जाता है.

शहरी क्षेत्रों में 26.3 फीसदी घरों में वाटर प्यूरीफायर का इस्तेमाल होता है. जबकि 50.9 फीसदी परिवार पानी को साफ करने के लिए कोई भी तरीका नहीं अपनाते हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 27.3 फीसदी परिवार ही पीने से पहले पानी को किसी विधि से शुद्ध करते हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली(36.5 फीसदी परिवार) इलेक्ट्रिक वाटर प्यूरीफायर इस्तेमाल करने के मामले में पहले नंबर पर है. दूसरे नंबर पर पंजाब(35.9 फीसदी) है.  इसके बाद हरियाणा में 19 फीसदी और गुजरात में 16.5 फीसदी घरों में इलेक्ट्रिक वाटर प्यूरीफायर का इस्तेमाल होता है.

त्रिपुरा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश में पांच फीसदी से भी कम परिवारों में इलेक्ट्रिक वाटर प्यूरीफायर का इस्तेमाल होता है.

रिपोर्ट केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय मंत्रालय के अधीन काम करने वाली संस्था एनएसओ के द्वारा जारी की गई है.  सर्वे में 1,06,838 परिवारों को शामिल किया गया. भारत में 27.11 करोड़ (17.83 करोड़ ग्रामीण और 9.27 करोड़ शहरी) परिवार हैं. घरों को परिवार मानकर यह रिपोर्ट लिखी गई है.


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