संवाददाता

डीजीपी बनने के लिए छह महीने का न्यूनतम सेवाकाल अनिवार्य: सुप्रीम कोर्ट


we are not a trial court can not assume jurisdiction for every flare up in country

 

राज्यों में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जिन अधिकारियों के सेवानिवृति में कम से कम छह महीने का वक्त बचा हो, यूपीएससी उन्हीं को नियुक्ति पैनल में शामिल करने पर विचार करेगा. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिनकी सेवानिवृति में छह महीने से कम का समय बचा है, उनके नाम पर विचार नही होगा.

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा डीजीपी पद के लिए की जाने वाली अनुशंसा एवं समिति की तैयारी पूरी तरह मेरिट पर आधारित होनी चाहिए.

शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की ओर से दायर संशोधन याचिका पर यह फैसला सुनाया.

सिंह का आरोप है कि तीन जुलाई, 2018 के निर्देश का राज्य सरकारों द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है और वे डीजीपी पद पर नियुक्ति के लिए योग्य वरिष्ठ अधिकारियों के नामों को नजरअंदाज कर रही हैं.

अदालत ने पिछले साल जुलाई में पुलिस सुधार पर कई निर्देश जारी किए थे और सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को किसी भी पुलिस अधिकारी को कार्यवाहक डीजीपी बनाने से रोक दिया था.

डीजीपी का दो साल का निश्चित कार्यकाल होता है. राज्य सरकार जिन अधिकारियों की सेवानिवृति होने वाली होती थी उन्हे डीजीपी नियुक्त कर देती थी और उन्हे दो साल का निश्चित कार्यकाल मिल जाता था.

इससे पहले कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया था कि वह किसी भी पुलिस अधिकारी को कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक नियुक्त नहीं करे. कोर्ट ने निर्देश दिया था वह डीजीपी पद पर नियुक्त किए जा सकने वाले उमीदवारों के रूप में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नाम तीन महीने पहले केंद्रीय लोक सेवा आयोग को भेजेंगे. यूपीएससी इनमें से तीन अधिकारियों का नाम तय करेगा.

राज्य उनमें से किसी एक को डीजीपी बनाएंगे.

कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया था कि डीजीपी के पद पर उन्हीं अधिकारियों की नियुक्ति होगी, जिनका कार्यकाल दो साल से ज्यादा बचा हो. कोर्ट ने ये सारे निर्देश साल 2006 में पूर्व आईपीएस अधिकारी प्रकाश सिंह की याचिका पर आए फैसले में संशोधन की मांग को लेकर दिए गए आवेदन के जवाब में दिए थे.

गौरतलब है कि साल 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में साफ कहा था कि राज्यों में डीजीपी की नियुक्ति का आधार राजनीतिक नहीं होना चाहिए. हालांकि, राज्य सरकारों पर अक्सर ही ऐसे निर्देशों की अवहेलना का आरोप लगता रहा है.

(इनपुट पीटीआई से भी)


ताज़ा ख़बरें